Paan Ki Kheti : ज्यादा जमीन की नहीं जरूरत, इस खेती से ताबड़तोड़ कमाई

Agriculture News : आज के समय में कृषि योग्य भूमि सिमटती जा रही है। ऐसे में कम जमीन पर अधिक उपज लेना समय की जरूरत हो गई है। ऐसी खेती के तरीके आजमाने वाले किसान आज मोटी कमाई करके सफल भी हो रहे हैं।

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Paan Ki Kheti : ज्यादा जमीन की नहीं जरूरत, इस खेती से ताबड़तोड़ कमाई

Hindi News Club (ब्यूरो) : अब छोटे किसान यानी कम कृषि योग्य भूमि वाले किसान भी अधिक कमाई कर सकेंगे। इसे लेकर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में किसानों को प्रशिक्षित करके पान की खेती का सफल परीक्षण भी किया जा चुका है।

 

बढ़ रहा किसानों का रुझान


इससे पहले बुंदेलखंड के इलाकों में महोबा हमीरपुर जालौन में पान की खेती (Paan ki kheti kaise kre)होती थी, वहीं अब प्रयागराज की भी जमीन पर इसकी खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है। इसके लिए प्रयागराज में खुसरो बाग स्थित औद्यानिक विभाग की ओर से किसानों को इस खेती की जानकारी देकर भी किया जा रहा है।

 

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यहां की खेती


यूपी के प्रयागराज के खुसरो बाग में स्थित औद्यानिक विभाग में जिले के किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें पान की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके बाद पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पान की खेती (Paan ki kheti ka tareeka)शुरू की। 2016 से किसान लगातार इस पर काम कर रहे थे, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद 7 सालों में अब जाकर सफलता मिली। किसान आज इस जिले में पान की पैदावार कर बंपर कमाई कर रहे हैं। छेदीपुर, दरियाबाद, सारी, ललित एवं हडिया तहसील के गांव के किसान अपने खाली पड़े खेतों में पान की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। कम जमीन पर भी इस खेती से मोटी कमाई की जा सकती है।


ऊंचाई वाले खेतों में की खेती


पान की खेती की सफलता का श्रेय किसान खुसरो बाग के प्रभारी विजय किशोर सिंह को देते हुए कहते हैं कि उनके दिशा निर्देश अनुसार खेती की। पहले प्रयागराज में बाहर से पान की सप्लाई होती थी। अब यह मांग यहीं पूरी होने लगी। उन्होंने ऊंचाई वाले खेतों पर पान की खेती शुरू की। पान की खेती करने के लिए पहले बरजा तैयार करना पड़ता है। उसके बाद भरपूर सिंचाई करनी पड़ती है, जिससे इसके पत्ते साफ आएंगे।

 

अब दूसरे जिले के किसानों को किया जाएगा प्रशिक्षित

 

प्रयागराज में पायलट प्रोजेक्ट (Paryagraj project)सफल होने के बाद अब दूसरे जिलों में पान की खेती को बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है। इसमें प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी, आजमगढ़, बलिया के किसानों को पान की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे किसानों को आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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