Hindi News Club (ब्यूरो)। उत्तर भारत के राज्यों में एक बार फिर से मानसून (Monsoon update) सक्रिय होने से अति भारी बारिश हुई है। जिससे काफी इलाकों में घरों में पानी घुस गया। ऐसे में लोगों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। लेकिन अब प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। सावन महीने की शुरुआत से शुरू हुआ बारिश का दौर भादवे में आकर रूक गया है। हालांकि, बीच बीच में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। फिलहाल प्रदेश में पिछले दो दिन से बारिश के दौर में कमी आई है और अगले दो दिन भी कमी बनी रहने की संभावना है।
आज इन जिलों में होगी बारिश -
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh weather) में बना लो प्रेशर एरिया राजस्थान (Rajasthan Weather Update) से होकर अब अरब सागर की ओर आगे बढ़ रहा है। इस तंत्र के प्रभाव से राजस्थान के अधिकांश जिलों में अति भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम केंद्र जयपुर की जानकारी के अनुसार, आज 30 अगस्त शुक्रवार को राजस्थान के धौलपुर, अजमेर और नागौर में बारिश का यलो अलर्ट (Barish Alert) जारी किया गया है।
1 तारीख से शुरू होगी बारिश -
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार 1 सितंबर से प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जो एक सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। प्रदेश में कुल मिलाकर सामान्य से 51 प्रतिशत औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है। पूर्वी राजस्थान (Rajasthan Today Mausam) की बात की जाए तो 38 प्रतिशत सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई।
वहीं पश्चिमी राजस्थान में औसत से 75 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है। उदयपुर संभाग के अधिकांश जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की जा रही थी, लेकिन पिछले दिनों बने मौसम तंत्र के प्रभाव से उदयपुर संभाग के अधिकांश जिलों में हुई बारिश से वहां के जिलों में औसत बारिश दर्ज हुई।
मौसम विज्ञान के अनुसार, कुल मिलाकर कहा जाए तो इस बार मानसून (Monsoon Update) प्रदेश में झमाझम बरस रहा है, जिसके चलते सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा रही है। फिलहाल प्रदेश से मानसून की विदाई में अभी काफी समय शेष है, जिसके कारण प्रदेश के सभी जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज होने की संभावना बन रही है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट -
बारिश और आंधी-तूफान का ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी करने के साथ ही मौसम विभाग ने आमजन के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, मेघगर्जनके समय किसी सुरक्षित स्थान की शरण लें। पेड़ों के नीचे कतई न जाएं। घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग को निकालकर रख दें। बिजली के पोल, कच्चे घरों के आसपास न जाएं।