Hindi News Club (ब्यूरो) : कार की बिक्री का डाटा हर महीने रिलीज किया जाता है। इन बिकने वाली कारों में पेट्रोल और डीजल इंजन के साथ ही आजकल सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री भी कुछ कम नही है। आजकल ज्यादातर लोग डीजल इंजन वाली कारों को ही खरीदना पसंद करते है लकिन आपको बता दें कि डीजल कारों को लेकर दुनियाभर की सरकारें सख्त हो रही है। कुछ कुछ देश तो ऐसे है कि जहां की सरकारों के द्वारा डीजल कारों को अगले 5-10 साल में बंद करने का फरमान भी जारी कर दिया गया है। केवल इतना ही नही भारत देश में भी इस मामले पर सख्ती चल रही है। डीजल कारों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि आने वाले समय में इनकी बिक्री बंद हो सकती है। अब सरकार देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की बिक्री (Sales of electric and hybrid cars) बढ़ाने के लिए सब्सिडी दे रही है। इसके चलते देखा जाए तो वैसे ही डीजल कारों की बिक्री में गिरावट (Decline in diesel car sales) आना तय लग रहा है। डीजल कारों का भविष्य कुछ साफ नजर नही आ रहा है।
ये है डीजल कार की खासियत
इन दिनों भारतीय कार बाजार (Indian car market) में काफी कुछ नया आ चूका है। नई नई तकनीक के साथ कारें लॉन्च की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी देश में डीजल कारों की बिक्री में कोई कमी नजर नही आ रही है। भारतीय बाजार में आज भी डीजल कारें अच्छी संख्या में बिक रही हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि डीजल कारें पेट्रोल कारों की तुलना में अधिक माइलेज देती है। दूसरा सबसे बड़ा कारण है इंजन पावर (diesel car engine power)। इनमें ईंधन की लागत कम होती है। बता दें कि समान मॉडल की एक डीजल कार अपने पेट्रोल मॉडल की तुलना में अधिक पॉवर और टॉर्क जनरटे करती है। कोई भी कार निर्माता कंपनी हो, हमेशा एक बात तो कॉमन होगी ही कि ये कंपनियां अपनी और भारी गाड़ियों में अक्सर डीजल इंजन का ही इस्तेमाल करती हैं।
डीजल कारों की आलोचना का कारण
सरकार के द्वारा डीजल इंजन की काफी आलोचना (a lot of criticism of diesel engines) की जा रही है। लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते है। जैसा कि आप जानते है कि डीजल कारें पावरफुल तो होती है लेकिन इन कारों की आलोचना इसके प्रदूषण फैलाने के कारण ज्यादा होती है। पेट्रोल की तुलना में डीजल कारें अधिक प्रदूषण फैलाती हैं। डीजल कार के धुंए से अधिक मात्रा में पार्टिकुलेट मैटर और कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। इस वजह से दिल्ली एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों को बैन (Diesel vehicles older than 10 years banned in Delhi NCR) कर दिया गया है।
जान लें क्या है डीजल कारों का भविष्य
सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कई अथक प्रयास कर रही है। प्रदूषण मुक्त भविष्य (pollution free future) की तरफ अब सरकार के कदम बढ़ते चले जा रहे है। इस वजह से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को अधिक प्रमोट किया जा रहा है। सरकार इन कारों की खरीद पर सब्सिडी भी दे रही है। इन कारों में ईंधन से चलने वाले इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर लगा होता है। ये गाड़ियां बहुत कम प्रदूषण पैदा करती हैं। इसके अलावा बायोडीजल से चलने वाली गाड़ियों पर भी जोर दिया जा सकता है। बायोडीजल एक जैव ईंधन (Biodiesel is a biofuel) है जिसके जलने से डीजल के मुकाबले बहुत कम प्रदूषण होता है।