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Hindi News Club (ब्यूरो) : Fake helmets : देश में ट्रैफिक के नियमों में दो पहिया वाहन चालकों के लिए सबसे जरूरी हेलमेट को लेकर नियम तय किया गया है। ये नियम लोगों की सुरक्षा के लिए ही बनाया गया है ताकि अगर कोई दुर्घना भी हो तो व्यक्ति के सिर पर कोई घात न पहुंचे। इससे जान बचने के चांसिज बढ़ जाते है। भारत में ज्यादातर लोग सेफ्टी से ज्यादा चालान से बचने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल करते है। इसमें लोग यही देखते है कि कौन सा हेलमेट (helmets) सस्ते से सस्ता मिलेगा। लेकिन ये कितना खतरनाक साबित हो सकता है ये आप सोच भी नही सकते है। ऐसे लोगों को हेलमेट की असली वैल्यू पता ही नहीं होती है। वहीं अगर हम आज कल की नौजवान पीढ़ी की बात करें तो आज का यूथ महंगी बाइक के साथ ओरिजिनल हेलमेट खरीदना (Buying an Original Helmet) पसंद करते हैं। जो कि सही भी है। ऐसा करना उनकी सेहत के लिए ही ठीक रहता है।
सस्ता हेलमेट आंखों पर पड़ सकता है इतना भारी
अगर आप अपना पैसा बचाने के लिए 300 -350 रुपये वाला हेलमेट खरीद रहे है तो आप बहुत गलत कर रहे है। ऐसा करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि सस्ते हेलमेट में सब सामान लो क्वालिटी का इस्तेमाल किया होता है। जिसमें कि हेलमेट का वाइजर (helmet visor) भी मौजूद है। अब होता क्या है कि ऐसा हेलमेट दुर्घना के समय आपकी सुरक्षा से ज्यादा आपको नुकसान ही पहुंचाएगा। अगर एक्सीडेंट हुआ तो हल्की क्वालिटी होने की वजह से वाइजर टूट कर आपके चेहरे और आंखों में घुस सकते हैं और खतरनाक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे आपकी आंखो की रोशनी तक जा सकती है।
अब अगर आप ये सब जान ही चूके है तो आपको ये सलाह दी जाती है कि जितना जल्दी हो सके आप अपने हेलमेट को बदल लें। क्योंकि सस्ते हेलमेट के वाइजर ही आपकी जान के दुश्मन बन सकते है। केवल इतना ही नही ऐसे ही धूप वाइसर पर पड़ती है वो सीधा आंखों के रेटिना पर पूरा प्रभाव डालती है और UV प्रोटेक्शन न होने पर आंखों को भारी नुकसान (severe eye damage with faulty helmet) होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा खराब क्वालिटी के हेलमेट के वाइजर (helmet visor) आपको रात के समय में ज्यादा दिक्क्त देते है क्योंकि भीम रोशनी सीधा आपकी आंखों पर पड़ती है। जबकि ओरिजिनल हेलमेट में हाई क्वालिटी का वाइजर लगा होता है जो कि जल्दी से टूटता नहीं, और ये UV प्रोटेक्शन से भी आपकी आंखों की सुरक्षा करता है। असली हेलमेट में थर्मल भी हैवी होता हैं जो आपके सिर को एक्स्ट्रा सेफ्टी देता है। सेफ्टी के मामले में ओरिजिनल हेलमेट (original helmet) का कोई मुकाबला नही है।
इस पर जानकारी देते हुए हेलमेट सेफ्टी को स्टीलबर्ड हेलमेट (steelbird helmet) के MD राजीव कपूर ने बताया कि अगर आप एक सब-स्टैण्डर्ड खराब क्वालिटी का हेलमेट खरीदते है तो ये आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इनमे लगे वाइजर आंखों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए यही सलाह दी जाती है कि आप असली हेलमेट का ही इस्तेमाल करें।
हेलमेट पर ISI मार्क जरूर देखें
अगर आप हेलमेट खरीदने जाते है तो उसकी क्वालिटी (best quality helmets) के साथ समझोता न करें। जब भी हेलमेट खरीदें तो उस पर ISI मार्क जरूर चेक करें। एक अच्छी क्वालिटी कर हेलमेट आपके सिर और आंखों को सुरक्षित रखता है। अगर बढिया और ओरिजिनल हेलमेट खरीदना चाहते है तो आप आप स्टीलबर्ड, स्टड्स, वेगा और रॉयल एनफील्ड के हेलमेट चुन सकते हैं। ये सबसे बेस्ट हेलमेट है। वैसे भी 1000 रूपए तक आप बढ़िया हेलमेट खरीद सकते है।
इसके अलावा अगर आपको बजट का कोई चक्कर ही नही है तो आप 2000-3000 रुपये की कीमत वाला एक प्रीमियम हेलमेट खरीद भी सकते हैं। ये हेलमेट बढ़िया क्वालिटी मटिरियल और पैडिंग के साथ आते (halmet safety features) हैं। ये आपकी स्किन को सुरक्षित रखते है।
ISI रजिस्ट्रेशन वाले हेलमेट बेचने के निर्देश
सरकार ने भी इसे लेकर अब सख्त निर्देश पारित (government passed strict instructions) कर दिए है। नकली हेलमेट पर अब पूरी तरह से पाबंदी लगाने के लिए सरकार उचित कदम उठा रही है। देश में सिर्फ ISI रजिस्ट्रेशन वाले हेलमेट को ही बेचने की अनुमति है। इसलिए रोड साइड पर बिकने वाले हेलमेट तो कभी न लें।