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Hindi News Club (ब्यूरो) : ऑनलाइन व डिजिटल के इस जमाने में फोन का सर्वाधिक उपयोग होने लगा है। बढ़ती टेक्निक के साथ स्कैम और साइबर फ्रॉड (Cyber fraud)के मामले भी बढ़े हैं। साथ ही फर्जी कॉल्स के मामले थोक में बढ़े हैं। ऐसे में इन पर लगाम कसते हुए ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों के साथ मीटिंग की और सख्त निर्देश दिए हैं।
ये एक्शन लिया जाएगा टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ
मीटिंग के दौरान टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कहा कि फर्जी कॉल (TRAI Action Against Fake Callers)के लिए बल्क कनेक्शन का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उन्हें 2 साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही सभी टेलीकॉम संसाधनों को बंद कर दिया जाएगा।
फर्जी कॉल आने पर क्या होगा?
ट्राई ने फर्जी कॉल करने वालों के खिलाफ एक्शन लेते हुए गुरुवार को मीटिंग की। इसमें ट्राई की ओर से कहा गया कि टेलीकॉम कंपनियां उन कंपनियों के टेलीकॉम संसाधनों को बंद कर देंगी, जो फर्जी कॉल करने के लिए बल्क कनेक्शन का गलत इस्तेमाल करेंगी। साथ ही ऑपरेटर द्वारा दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत
ट्राई ने गलत प्रथाओं का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को एक कड़ा संदेश भेजते हुए कहा कि वॉयस कॉल/ रोबो कॉल/ प्री-रिकॉर्डेड कॉल के लिए 'पीआरआई/ एसआईपी कनेक्शन' का इस्तेमाल करने वालों पर बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने एक दिन पहले ही कहा था कि ट्राई फर्जी कॉल को रोकने के लिए नियमों की समीक्षा करेगा और उन्हें मजबूत करने को लेकर सख्त कदम भी उठाएगा।
ये थे अहम मीटिंग में शामिल
फर्जी कॉल्स के मुद्दे को लेकर हुई इस खास मीटिंग में एयरटेल, बीएसएनएल, क्वाड्रेंट टेलीवेंचर्स लिमिटेड (क्यूटीएल), रिलायंस जियो, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और वी-कॉन मोबाइल एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख रेगुलेटरी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह मीटिंग ट्राई प्रमुख की अध्यक्षता में हुई।
ट्राई ने कहा कि अगर कोई कंपनी फर्जी कॉल करने के लिए अपनी एसआईपी/ पीआरआई (सेशन इनिशिएशन प्रोटोकॉल/ प्राइमरी रेट इंटरफेस) लाइनों का गलत इस्तेमाल करती है तो तुरंत यह एक्शन लिया जाएगा। यह निर्णय फर्जी कॉल्स की शिकायतों को देखते हुए गहन मंथन के बाद लिया गया है।
मीटिंग में ये नहीं हो सके शामिल
वीरवार को फर्जी कॉल्स रोकने के मुद्दे पर हुई मीटिंग में एमटीएनएल यानी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के प्रतिनिधि इस मीटिंग में शामिल नहीं हो सके।