Hindi News Club (ब्यूरो)। Minimum Bank Account Balance: मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि जन धन और बुनियादी बचत खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है. बैंक केवल उन मामलों में जुर्माना लगाते हैं, जहां ग्राहक अपने अन्य खातों में आवश्यक राशि बनाए रखने में विफल रहते हैं. वित्त मंत्री राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पांच साल में खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर ग्राहकों से लगभग 8,500 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने से संबंधित पूरक प्रश्न का उत्तर दे रही थीं.
सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैंक बैलेंस बनाए रखने की नहीं है जरूरत-
सीतारमण ने कहा कि बैंकों द्वारा पेनॉल्टी की बात की जा रही है, जो कि प्रधानमंत्री जनधन खातों और गरीब लोगों के लिए मूल खातों पर लागू नहीं होता है. बैंक ने जो पेनॉल्टी वसूले हैं वो अलग खाते हैं, और उसमें न्यूनतम शेष राशि की अपेक्षा की जाती है, नहीं रखने पर बैंक एक चार्ज वसूलता है.
पांच साल में बैंकों ने लगाया 8500 करोड़ रुपये का जुर्माना-
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह सामने आया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2019-20 से पांच साल में इस मद में लगभग 8,500 करोड़ रुपये वसूले.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी पिछले महीने लोकसभा को बताया था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में खातों औसत मासिक न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माने के तौर पर जमाकर्ताओं से 2,331 करोड़ रुपये वसूले.