/hindi-news-club/media/media_files/SNlyOqOCQ9XmUEvgcOtv.jpg)
Hindi News Club (ब्यूरो) : आज के समय में लगभग हर किसी के पास बचत खाता है। इनमें मिनिमम बैलेंस न रहने पर ग्राहकों को पैनेल्टी (Minimum Balance penalty Rules)देनी पड़ती है। अब इस बारे में संसद में मुद्दा उठा तो वित्त मंत्री ने सब कुछ क्लियर कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि किन ग्राहकों को पैनेल्टी (Minimum Balance penalty new rules) नहीं देनी होगी। आइये जानते हैं पूरी डिटेल इस खबर में।
इस कारण संसद तक पहुंचा मुद्दा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार गरीबों को बेसिक सेविंग अकाउंट पर कोई Minimum Balance Penalty नहीं देनी होगी। बैंक उनसे कोई पैनेल्टी चार्ज नहीं लेंगे। सरकारी बैंकों द्वारा पैनेल्टी (Bank Account me Minimum Balance kitna hona chahiye)के तौर पर की गई करोड़ों रुपये की वसूली के बाद यह मुद्दा संसद तक पहुंचा। इस मुद्दे को लेकर सदन में सरकार से सवाल किए गए तो वित्तमंत्री का बयान सामने आया। इस बारे में यह भी कहा गया है कि गरीबों से बैंक इस तरह की पेनल्टी वसूल नहीं करते हैं और न ही आगे कोई ऐसा प्लान है।
जब सरकार से हुए सवाल-जवाब
यह सब उस समय सामने आया जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) राज्यसभा में मंगलवार को मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से जुड़े सवालों का जवाब दे रही थीं। सवाल यह था कि सरकारी बैंक गरीबों से मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर पेनल्टी वसूल रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं। ऐसा वाजिब नहीं है। इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि बैंकों द्वारा गरीबों के खाते पर पेनल्टी नहीं ली जा रही।
बसिक सेविंग अकाउंट वालों को नहीं इसकी कोई टेंशन
वित्त मंत्री (FM Sitharaman)के दिए गए बयान के अनुसार जन धन अकाउंट (Jan Dhan account) या बेसिक सेविंग अकाउंट वालों को अपने खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक अकाउंट में जीरो बैलेंस रहने पर भी बैंक पेनल्टी (Minimum Balance penalty by govt banks) नहीं लगाते हैं। यही नियम बेसिक सेविंग अकाउंट में जीरो बैलेंस रहने पर लागू होता है। वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक सेविंग अकाउंट के मामले में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूल करते हैं, जिनमें मिनिमम रकम रखने की शर्त पहले से ही होती है।
वित्त राज्य मंत्री के बताए आंकड़ों के बाद उठे थे सवाल
पिछले महीने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में इस बात की जानकारी दी थी कि सरकारी बैंकों ने पिछले पांच साल में मिनिमम बैलेंस न रखने वालों से पेनल्टी के रूप में लगभग 8,500 करोड़ रुपये (Minimum Balance penalty rules)कमाए हैं। इनमें देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State bank of India)शामिल नहीं था। यानी 11 सरकारी बैंकों को सिर्फ एक वित्त वर्ष का यह आंकड़ा 2,300 करोड़ रुपये से अधिक था। इस आंकड़े के सामने आने के बाद मिनिमम पैनेल्टी पर सवाल उठे।
यह सरकारी बैंक ग्राहकों से नहीं ले रहा ऐसी पैनेल्टी
देशभर के कुल 12 सरकारी बैंकों में से सबसे बड़ा सरकारी बैंक (Minimum Balance in bank account) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूल नहीं कर रहा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2020 में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर ग्राहकों से पेनल्टी ली थी। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया।