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Hindi News Club (ब्यूरो)। खुद का घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन घर लेना एक बड़ा खर्चा होता है। इसे खरीदने के लिए लोग अपने जीवन की पूरी जमा पूंजी लगा देते हैं। वहीं, मिडिल क्लास लोग अपनी कमाई से घर नहीं खरीद पाते हैं ऐसे में वह होम लोन (Home Loan) का सहारा लेते हैं। होम लोन लंबी अवधि वाला कर्ज होता है। इसमें आपको भारी ब्याज रकम चुकानी पड़ती है। लोन लेते समय ग्राहकों को बैंक होम लोन की ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस (Home Loan Interest Rates and Processing Fees) वगैरह के बारे में जानकारी देते हैं, लेकिन ऐसे कई चार्ज हैं, जो होम लोन की तमाम सर्विसेज के बदले वसूले जाते हैं, लेकिन बैंक इनके बारे में ग्राहकों को जानकारी नहीं देते हैं। लोन के लिए बैंक के पास जाने से पहले चार्ज पर एक नजर जरूर डाल लें।
आवेदन शुल्क
कई बैंक आपसे लोन के लिए अप्लाई करते समय आवेदन शुल्क लेते हैं, इसे लॉगिन चार्ज भी कहा जाता है। ये शल्क 2,500 से 6,500 रुपए के बीच होता है। लोन का अप्रूवल मिलने के बाद में इसे आपके लोन की प्रोसेसिंग फीस (Home Loan Processing Fees) में एडजस्ट कर दिया जाता है। लेकिन अगर आपका लोन अप्रूव नहीं हुआ तो बैंक इसे वापस नहीं करते हैं।
फोरक्लोजर चार्ज
होम लोन (home loan ) प्रीपेमेंट पर सामान्य रूप से चार्ज नहीं लगता है, लेकिन अगर आप होम लोन को टेन्योर पूरा होने से पहले ही पूरी तरह खत्म करने के लिए पूरी बकाया राशि का भुगतान करते हैं तो बैंक इस पर फोरक्लोजर चार्ज ले सकते हैं। ये बकाया राशि के 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत के बीच होता है। हालांकि इसको लेकर बैंकोंं के कुछ नियम तय हैं। भी लागू करते हैं।
स्विचिंग चार्ज
अगर आप फ्लोटिंग रेट लोन को फिक्स्ड रेट लोन में या फिक्स्ड रेट लोन को फ्लोटिंग रेट लोन में कन्वर्ट करवाते हैं तो बैंक इसके बदले आपसे कन्वर्जन चार्ज वसूलते हैं। इसे स्विचिंग चार्ज भी कहा जाता है। आमतौर पर ये बची हुई लोन राशि के 0.25 फीसदी से 3 फीसदी तक हो सकता है। होम लोन पर
रिकवरी चार्ज
बैंक से लोन लेने के बाद अगर आप भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देता है। ऐसे में बैंक वसूल के लिए ग्राकह के खिलाफ कार्रवाई करता है। इस प्रक्रिया में जितना पैसा खर्च होता है, वो ग्राहक से वसूला जाता है।
निरीक्षण शुल्क
जिस संपत्ति के लिए आप होम लोन ले रहे हैं, उस संपत्ति की कीमत (property price) का आकलन करने के लिए बैंक की ओर से विशेषज्ञों की एक टीम आती है। ये विशेषज्ञ वैधानिक अप्रूवल, लेआउट अप्रूवल, बिल्डिंग स्पेसिफिकेशन, कंस्ट्रक्शन मानदंड आदि कई पैमानों पर संपत्ति का मूल्यांकन करते हैं। इस निरीक्षण कार्य के लिए बैंक आपसे शुल्क वसूलते हैं। कई बैंक इस फीस को प्रोसेसिंग फीस में शामिल कर देते हैं, वहीं कुछ बैंक इसे अलग से चार्ज करते हैं।
लीगल फीस
आपकी संपत्ति में कोई कानूनी पचड़ा तो नहीं फंसा है, ये जानकारी हासिल करने के लिए बैंक कानूनी विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। ये विशेषज्ञ टाइटल डीड, प्रॉपर्टी ओनरशिप का इतिहास और डिप्रिसिएशन, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC), ऑक्यूपेंसी प्रमाण पत्र आदि की जांच करते हैं।
इसके बाद वो एक्सपर्ट बैंक को अपनी अंतिम राय देते हैं कि क्या वे लोन दें या नहीं। इन सेवाओं के बदले विशेषज्ञों को फीस दी जाती है, जिसे लीगल फीस कहा जाता है। इस फीस को बैंक आपके होम लोन पर भी लागू करते हैं।