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Hindi News Club (ब्यूरो) : इंकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) का लाखों टैक्सपेयर्स इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिन बाद यह आपके खाते मे आना है, लेकिन उससे पहले आपको एक खास प्रक्रिया को पूरा करना होगा। अगर इसे पूरा नहीं किया तो आपका रिफंड का पैसा तो फंसेगा ही, साथ ही आपको जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
आईटीआर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया करें पूरी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Refund Ke Liye Kya kren) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 31 जुलाई तक लगभग 7.28 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किए गए हैं। आईटीआर फाइल करने के एक माह बाद तक रिफंड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आइटीआर फाइल करने के बाद रिफंड के लिए आईटीआर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा करना जरूरी है। यहां पर यह भी बता दें कि लगभग 2.28 करोड़ आईटीआर 27 से 31 जुलाई के बीच दाखिल किए गए थे।
बचा है सिर्फ 10 दिन का समय
इनकम टैक्स विभाग के नियमों के अनुसार 26 जुलाई से 31 जुलाई के बीच दाखिल हुए आईटीआर (ITR Varification)की डेडलाइन भी 26 से 30 अगस्त के बीच पड़ रही है। इन तारीखों में आईटीआर फाइल करने वालों के पास आइटीआर वेरिफिकेशन (ITR Varification ki last Date) के लिए केवल 10 दिन का समय बचा है। यह प्रक्रिया पूरी न करने वाले टैक्सपेयर्स का रिफंड तो अटकेगा ही, इसके अलावा जुर्माना भी देना पड़ेगा। इन सबसे बचने के लिए फटाफट आईटीआर वेरिफेकेशन की प्रक्रिया को पूरा कर दें।
टैक्सपेयर्स को मिलता है 30 दिन का समय
इनकम टैक्स नियमों के अनुसार टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन या आईटीआर-5 ऑफलाइन जमा करने के लिए 30 दिन का समय मिलता है। आईटी डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक 20 अगस्त तक कुल 7,41,37,596 आईटीआर फाइल किए जा चुके हैं और 7,09,89,014 आईटीआर वेरीफाई भी किए जा चुके हैं। इन आंकड़ों को देखें तो करीब 32 लाख लोगों ने आईटीआर का वेरिफिकेशन नहीं किया है। इसमें देरी न करें, कहीं यह तारीख भी न निकल जाए। सही समय पर यानी 31 जुलाई तक आईटीआर भर चुके लोगों में से भी करीब 19 लाख टैक्सपेयर्स की आईटीआर वेरीफिकेशन अभी तक पेंडिंग है।
इस बात का रखें ध्यान
वैसे तो टैक्सपेयर्स इन बातों को पहले से ही जानते हैं, फिर भी कुछ नए टैक्सपेयर्स (ITR Varification kaise kren)इन बातों से अनजान हैं तो आइटीआर वेरिफिकेशन में देरी न करें। ऐसे में आपको ध्यान देना होगी कि आईटीआर भरने और ई-वेरिफिकेशन के बीच 30 दिनों से ज्यादा का अंतर न हो। आपका रिफंड तभी आएगा जब आप आईटीआर तय समय में इसकी वेरीफिकेशन कर देंगे। आपने यह डेडलाइन मिस कर दी तो इसे भी लेट फाइलिंग माना जाएगा। ऐसी स्थिति में आपको अतिरिक्त जुर्माना भरना पड़ सकता है जो आपके लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक होगा।
अनदेखी की तो होगा दोहरा नुकसान
इनकम टैक्स विभाग ने हर मामले में नियम तय कर रखे हैं। अगर कोई भी टैक्सपेयर फाइल की गई आईटीआर (ITR Varification ka process) का 30 दिन के अंदर वेरिफिकेशन नहीं करता है तो रिफंड को भूल जाएं, यह राशि खाते में नहीं आएगी। साथ ही आईटीआर भी रद्द हो जाएगी और दोबारा आईटीआर फाइल करनी पड़ेगी। उस पर लेट फाइलिंग का जुर्माना भी देना पड़ेगा। यह छोटी सी भूल या गलती आपकी जेब पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक भारी पड़ सकती है। इस नुकसान से बचना है तो फटाफट आइटीआर वेरिफिकेशन का काम निपटा लें।