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Hindi News Club (ब्यूरो) : भारत के अनेक निवासी विदेशों में रहते हैं। वहां से यहां पर अपने परिजनों को पैसे भेजते हैं। इस पैसे पर निगरानी रखने के लिए सरकार ने नियम तय किए हैं। Income Tax Department की नजर विदेश से भेजी जाने वाली इस रकम पर रहेगी। हाल ही में यह तय किया गया है कि छह लाख से ज्यादा की रकम जिस खाते में आई है, उसकी जांच की जाएगी। सात लाख से ऊपर जिस खाते में रुपये आए हैं उस राशि पर टीडीएस (TDS Rule on Income)काटा जाएगा। कुछ मामलों जैसे कि शिक्षा के लिए या स्वास्थ्य या उपचार के लिए पैसा भेजा गया है तो छूट मिल सकेगी। बता दें कि भारत दुनिया के उन देशों की सूची में सबसे आगे है जहां विदेश से सबसे ज्यादा पैसा (Income tax on foreign money)आता है। ऐसे में इस रकम पर निगरानी (TDS Kaise kata jata h) और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है। CDBT यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से जांच की जाएगी।
हेराफेरी का अंदेशा
विदेश से भेजी जाने वाली इस रकम से हेराफेरी व टैक्स चोरी की आशंका (income tax notice) के चलते जांच जरूरी है। Central Board of Direct Taxes (CBDT) ने इसीलिए ऐसे मामलों की जांच करना शुरू किया है। पूर्व में ऐसे मामले व शिकायतें आने पर यह कदम उठाया गया है। पूर्व में जिन लोगों को विदेशी रकम भेजी गई, वह उनके द्वारा घोषित आय के अनुरूप नहीं थी और टीसीएस में भी गड़बड़ी मिली। इसलिए जांच और भी ज्यादा जरूरी हो गई।
इस मामले से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बोर्ड ने फील्ड फॉर्मेशन को फॉर्म 15सीसी का वेरिफिकेशन प्रोसेस और जांच शुरू करने के लिए कहा गया है। फॉर्म 15सीसी उन लोगों के लिए जरूरी होता है जिन्हें विदेश से रकम प्राप्त होती है। इस फॉर्म से जुड़े साल 2016 के बाद का डेटा जुटाया जा रहा है और इसका विश्लेषण किया जाएगा।
इन लोगों पर है नजर
विदेश से आने वाले पैसे का हिसाब (Income Tax new Rules)रखना बेहद जरूरी है। व्यवस्था में कमी रहने पर इसमें टैक्स चोरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस बारे में पिछले साल एक समीक्षा की सिफारिश की गई थी। इसे जल्द ही फील्ड फॉर्मेशन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से सरकार को उन मामलों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जहां विदेशी रकम (income tax on )भेजी गई थी और टैक्सपेयर ने अपनी फाइलिंग में इसकी जानकारी नहीं दी। माना जा रहा है कि इस प्रावधान से टैक्स चोरी रुकेगी और विदेश से भेजी जाने वाली रकम का सही हिसाब रखा जा सकेगा।
सरकार ने की है ये तैयारी
वर्ष 2020-21 के बाद के डेटा की जांच के आधार पर बोर्ड हाई रिस्क (Income tax Update)वाले मामलों की लिस्ट तैयार करेगा। इसने फील्ड फॉर्मेशन को हाई रिस्क वाले मामलों का पता लगाने के लिए एक SOP तैयार करने और 30 सितंबर तक ऐसे मामलों की लिस्ट पेश करने का निर्देश दिया है। यहां पर संदर्भ अनुसार यह बताना भी आवश्यक है कि सरकार अघोषित आय वाले लोगों को पहला नोटिस (Income tax Notice) 31 दिसंबर तक भेजेगी।
राशि के अनुसार टीडीएस का है प्रावधान
सरकार की ओर से राशि अनुसार TDS काटने व छूट का प्रावधान (Income Tax Refund) भी किया हुआ है। सबसे ज्यादा लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि क्या नॉर्मल अकाउंट में पैसा मंगाया जा सकता है या नहीं। ऐसे में बता दें कि यह बिल्कुल वैध है, आप अपने खाते में विदेश से पैसा मंगा सकते हैं, जो आपके सगे-संबंधी आपको भेज रहे हों। ये एक स्वाभाविक प्रक्रिया भी है क्योंकि कई लोगों को बुजुर्ग मां-बाप भारत में रहते हैं और उनकी विदेश में रहने वाली संतानें भारत में उन्हें यहां के खाते में पैसे (income tax refund kaise payen) भेजते हैं। विदेश से सात लाख रुपये से ज्यादा की राशि भेजने पर सरकार ने LRD के तहत 20 फीसदी टीडीएस काटने का प्रावधान किया हुआ है।
मेडिकल या एजुकेशन के लिए भेजी जाने वाली राशि पर छूट
अगर विदेश से भेजी जाने वाली सात लाख से ज्यादा की रकम अगर मेडिकल या एजुकेशन (income tax return) के लिए भेजी जा रही है तो उसमें छूट का प्रावधान भी है। इसके लिए फॉर्म 15सीसी के माध्यम से विदेश से रकम पाने वाले शख्स को प्रमाणित करना होता है। ऐसे में यह रकम टीडीएस में छूट (income tax return kya h) के लिए होगी। इसके अलावा उसे किसी और विवरण देने की आवश्यकता (Income tax on foreign money) नहीं होती। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों का यह भी कहना है कि विभाग ने इस छूट के संभावित दुरुपयोग के कुछ मामलों का पता लगाया है। ऐसे में सत्यता व असत्यता का पता लगाया जाना जरूरी है।