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Hindi News Club (ब्यूरो)। देश में डिजिटल पेमेंट का दौर तेजी से बढ़ रहा है। भारत में एक बड़ी आबादी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने की ओर बढ़ रही है। अगर ये कहा जाए ये समय डिजिटल पेमेंट का ही जमाना है तो कुछ गलत नहीं होगा। हालांकि, आज भी एक वर्ग ऐसा है जो कैश (Cash Transaction rule) में लेन देन करना ज्यादा पसंद करता है या यूं कह लीजिए उन्हें कैश ट्रांजेक्शन करना आसान लगता है। लेकिन बहुत से लोग कैश में ट्रांजेक्शन इसलिए भी करते हैं ताकि वह इनकम टैक्स विभाग की रडार से बचे रहें।
अब यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि चाहे कोई भी ट्रांजैक्शन हो ऑफलाइन या ऑनलाइन एक लिमिट से अधिक करने पर आयकर विभाग वाले घर पर नोटिस (Income Tax Notice) भेज देते हैं। इसलिए जरूरी है कि इनकम टैक्स के नियमों (Income tax rules) को ध्यान में रखें। चलिए नीचे खबर में आज हम उन पांच हाई-वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन (Cash Transaction) की बात करते हैं जिन्हें करने से आयकर विभाग के लपेटे में आ सकते हैं।
बैंक खाते में कैश जमा करना
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नियम के अनुसार अगर एक वित्त वर्ष में कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा (Bank Account Cash Limit) करता है तो इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होगी। यह पैसे एक या एक से अधिक खातों में जमा किए गए हो सकते हैं। अब क्योंकि आप तय सीमा से अधिक पैसे जमा कर रहे हैं इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की ओर से यह सवाल पूछा जा सकता है कि कितनी बड़ी रकम आप कहा से लेकर आए। ऐसे में आपको सटीक जानकारी देनी होती है। अगर कुछ भी गड़बड़ पाई जाती है तो भारी जुर्माने के साथ कार्रवाई हो सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में कैश जमा करना
जिस तरह बैंक खाते में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से ज्यादा पैसे जमा करने पर सवाल उठता है, वैसा ही फिकस्ड डिपॉजिट (Investment limit in fixed deposit) में अगर आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश करते हैं तो कोई शक होने पर आयकर विभाग आपसे पैसों के स्रोत को लेकर सवाल पूछ सकता है.
बड़ी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन
बड़े शहरों में रियल एस्टेट (real estate) की कीमतें अत्यधिक है। अगर कहीं भी कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा का कैश ट्रांजेक्शन करते हैं तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इस बारे में इनकम टैक्स विभाग को सूचना जरूर देगा। ऐसे में इतने बड़े कैश ट्रांजेक्शन की वजह से विभाग आपके से पैसे के सोर्स को लेकर सवाल पूछ सकता है।
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान
आजकल क्रेडिट कार्ड (credit card) का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है। और ऐसे में यूजर्स का बिल अगर लाखों में पहुंच जाता है। यानी क्रेडिट कार्ड का मंथली बिल 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा होता है और आप उसका कैश में भुगतान करते हैं तो विभाग आपसे सवाल कर सकता है कि पैसों का स्रोत क्या है। वहीं अगर किसी वित्त वर्ष में आप 10 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान किसी भी तरीके से करते हैं तो आयकर विभाग (Income Tax Department) आपसे कमाई की जानकारी मांग सकता है।
शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदना
आज बहुत से लोग शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), एफडी आदि में निवेश करना एक अच्छा विकल्प मानते हैं और लोग निवेश के लिए बड़ी मात्रा में कैश का इस्तेमाल कर टैक्स (tax saving) बचाने की भी कोशिश करते हैं लेकिन आयकर विभाग की नजरों से बचना आसान नहीं है। अगर कोई शख्स 10 लाख रुपये या उससे अधिक का ट्रांजेक्शन करता है तो आयकर विभाग आपसे जानकारी मांग सकते हैं कि आप कैश कहां से लाए।