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Hindi News Club (ब्यूरो) : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर चुके टैक्सपेयर्स को अब इनकम टैक्स रिफंड का बेसब्री से इंतजार है। खासकर वे टैक्सपेयर्स जो समय से आईटीआर फाइल कर चुके हैं। वैसे तो रिफंड की राशि आईटीआर प्रोसेस (ITR Refund ka process)होते ही जल्द आ जाता है, लेकिन कई बार यह विभिन्न दिक्कतों के कारण लेट हो जाता है या फिर अटक भी जाता है। रिफंड अटकने के पीछे मुख्य कारण आइटीआर फाइल करने के बार ई वेरिफिकेशन न करना होता है। ऐसी स्थिति में रिफंड (ITR Refund kb hota h)तो अटकता ही है, साथ में जुर्माना भी भरना पड़ता है। ऐसे में जल्दी रिफंड पाने के लिए ( ITR Refund ke liye kya kre)समय से आटीआर फाइल करते हुए उसकी ई वेरिफिकेशन करना जरूरी है। इसके बाद आइटीआर प्रोसेस होते ही रिफंड की राशि आपके खाते में जल्द ही आ जाती है। फिर भी यहां पर यह जान लें कि रिफंड का प्रोसेस क्या है और कैसे मिलता है।
कितने दिन में मिलता है रिफंड
टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड करने को लेकर हाल ही में निर्मला सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया था कि पिछले एक दशक से इनकम टैक्स रिफंड को प्रोसेस (income tax refund process)होने के कार्य में तेजी आई है। पहले इसमें महीनों लग जाते थे। पिछले दिनों निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि 2013-14 में फाइल किए गए income tax return को प्रोसेस करके रिफंड जारी करने में तीन महीने से भी ज्यादा का समय लगता था। अब यह कई गुणा कम हो गया है, जो औसतन 10 दिन में ही प्रोसेस हो जाता है और रिफंड मिल जा रहा है। यहां इस बात का गौर करना जरूरी है कि एक तरफ तो आयकर विभाग की वेबसाइट पर लिखा है कि रिफंड आने में 4-5 हफ्ते लगते हैं और दूसरी तरफ 10 दिन में आइटीआर प्रोसेस होते ही रिफंड आने की बात कही जा रही है। इन दो तरह की स्थिति में से क्या सही है? इस बारे में भी यहां जानना जरूरी है।
इस तरह होती है आईटीआर प्रोसेस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये साफ किया कि जरूरी नहीं कि हर आईटीआर 10 दिन में प्रोसेस हो जाए। आईटीआर को प्रोसेस होने में औसतन 10 दिन का समय लगता है। किसी ITR फॉर्म में जितनी ज्यादा कठिनाइयां होंगी, उसे प्रोसेस होने में उतना ही अधिक वक्त लगेगा। ITR-1 में कम दिक्कतें होने के कारण इसका प्रोसेस सबसे पहले हो जाता है। इसके अलावा ITR-2 अधिक मुश्किल है और ITR-2 की तुलना में ITR-3 में दिक्कतें ज्यादा हैं। ऐसे में परेशानियों से हिसाब से आईटीआर प्रोसेसिंग का टाइम (income tax refund ka time) बढ़ता चला जाता है। उसी अनुसार ये प्रोसेस होती हैं।
सबसे पहले इन्हें मिलता है रिफंड
इनकम टैक्स नियमों व प्रक्रियाओं के जानकारों का कहना है कि समय पर फाइल की गई आईटीआर का बेनेफिट यह है कि रिफंड में देरी नहीं होगी। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर आपने ITR आखिरी तारीख पर या उसके बहुत पास आने पर भरा है, तो आपको रिफंड मिलने में देर हो सकती है। हालांकि सबसे पहले ITR-1 के रिफंड प्रोसेस किए जाते हैं। उसके बाद ITR-2 और ITR-3 का रिफंड प्रोसेस (income tax Refund kaise hota h)होता है। आइटीआर-1 और आइटीआर-2 व आइटीआर-3 के फॉर्म भरने के अलग-अलग तरीके व फॉर्मेट हैं। इनमें आइटीआर-1 की अपेक्षा आईटीआर-2 और 3 में अधिक जटिलताएं हैं, इसलिए समय लग सकता है।