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Hindi News Club (ब्यूरो) : इमरजैंसी में पैसों की जरूरत पड़ने पर पर्सनल लोन को अच्छा विकल्प माना जाता है। लेकिन लोन का प्रोसेस लंबा खिंच जाए तो जरूरत के समय आप पैसों से वंचित रह जाएंगे, इमरजैंसी में देर से मिले पैसे का फायदा नहीं हो पाता। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोन झट से पास हो। इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना जरूरी (Personal Loan Process) होता है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि लोन लेने के बाद उसे चुकाते समय कोई परेशानी न आए। जरूरी बातों की अनदेखी करने पर आप कर्ज के जाल (Bank Loan) में भी फंस सकते हैं और हो सकता है आपके जीवन की लंबी पारी किस्त चुकाने में ही निकल जाए।
सुविधा की जगह आफत न बन जाए लोन
क्रेडिट कार्ड से लेकर पर्सनल लोन (Bank Loan Process)की सुविधाओं ने इंसान को कर्ज लेने के मामले में फ्लेक्सिबल बना दिया है। कर्ज से दूर रहने की सोच में भी लोगों में बदलाव आया है। लोन के प्रति बढ़ता कंज्यूमरिज्म भी इसका कारण है। अब कर्ज लेना सुविधा का लाभ (Bank Loan Tips)उठाने में माना जाता है। लेकिन कोई भी लोन लेने से पहले विवेक से काम लेना चाहिए और किस्त चुकाने में समर्थता व आय के स्रोत आदि पर विचार कर लेना जरूरी है। इन पर विचार करने के बाद ही लोन लेना फायदा दे सकता है, नहीं तो कर्ज में भी फंसा सकता है। अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो इसके पहले आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
लोन लेने से पहले इन बातों पर करें गौर
क्रेडिट स्कोर और इनकम है महत्वपूर्ण
बैंक किसी भी आवेदक को लोन देने से पहले कई चीजें चेक करते हैं। हालांकि पर्सनल लोन (Sasta loan kaise le)पर कॉलेटरल की शर्त नहीं होती है, लेकिन बैंक पहले कई चीजें परखते हैं, उसके बाद ही लोन देते हैं। इसमें आवेदक की उम्र, इनकम और क्रेडिट स्कोर सबसे ज्यादा मायने रखता है। आमतौर पर 15,000 से 25,000 रुपये महीना की सैलरी हो तो बैंक नियम अनुसार एक निश्चित राशि तक लोन दे देते हैं। सिबिल स्कोर चेक करने के साथ-साथ बैंक ये सुनिश्चित करते हैं कि आप लोन लेकर चुकाने की स्थिति में हैं या नहीं।
यह भी देखा जाता है कि सैलरी के हिसाब से आपको कितना लोन दिया जाए ताकि आप उसे बैंक को आसानी से चुका सकें। नियमानुसार 21 से 60 साल के बीच के लोगों को लोन जारी किया जाता है। साथ ही ये भी देखा जाता है कि आप अपनी नौकरी में कितने लंबे समय से हैं। शॉर्ट टर्म नौकरी वालों को लोन लेने में बाधा आती है। आमतौर पर एक साल के अनुभव को वरीयता दी जाती है। इससे ज्यादा समय की जॉब है तो आपका प्लस प्वाइंट है।
सिबिल स्कोर का महत्व
CIBIL Score 3 डिजिट का एक स्कोर होता है जो 300 से 900 के रेंज में आता है। इसमें आपका बैंक से लेन देन का रिकॉर्ड कैसा रहा है, यह सब देखा जाता है। उसी अनुसार बैंक सिबिल स्कोर निर्धारित करते हैं। यानी बैंक से कर्ज लेकर चुकाने में पूर्व में आपका रिकॉर्ड कैसा रहा है। सिबिल स्कोर में आपकी क्रेडिट हिस्ट्री होती है। क्रेडिट रिपोर्ट में क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट रेटिंग देखी जाती है। अगर आपका Credit Score 750 से ऊपर है तो बैंक आपको लोन देने के लिए प्राथमिकता दे सकता है। आप ऑनलाइन खुद भी आसानी से अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं। इसके बाद लोन लेने पर विचार कर सकते हैं।
पर्सनल लोन पर ब्याज दर कर लें चेक
पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ये जरूर जांच लें कि कौन सा बैंक लोन पर कितनी ब्याज दर ऑफर कर रहा है। कम से कम ब्याज दर पर लोन लें, ताकि चुकाने में आसानी रहे। हालांकि यह आपकी लोन राशि पर भी निर्भर करता है।
लोन लेने से पहले कर लें यह कैलकुलेशन
पर्सनल लोन में दो पार्ट अहम होते हैं। प्रिंसिपल अमाउंट और इस पर लगने वाला इंटरेस्ट। आपको इन्हें किस्तों या EMI (Equated Monthly Instalments) में चुकाना होता है। आप लोन ले रहे हैं तो इसका कैलकुलेशन कर लें कि आपको हर महीने कितनी EMI भरनी होगी। कुछ बैंक या गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC )स्टैंडर्ड EMI अमाउंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबल EMI का ऑप्शन भी ऑफर करती हैं। स्टैंडर्ड ईएमआई के तहत आप हर महीने एक निर्धारित फिक्स की गई किस्त चुकाते हैं तथा फ्लेक्सिबल ईएमआई में कम किस्त से शुरू करके धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाता है। इनमें कौन सा ऑप्शन चुनना है, यह बैंक अधिकारी से बात करके आप तय कर सकते हैं।
लोन चुकाने से पहले की शर्तें जांच लें
कई बार लोन लेने के बाद जल्द ही उसे चुकाने की योजना बना ली जाती है। ऐसे में बैंक प्रीपेमेंट चार्ज वसूल करते हैं। इन्हें आप जरूर चेक कर लें। कई बैंक या NBFC लोन के पूर्व भुगतान पर पेनाल्टी भी लगाते हैं। यानी आपको लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन का पैसा चुका देने पर जुर्माना देना पड़ता है। इएलिए आप लोन जारी करवाने से पहले ये पता (Personal loan process)कर सकते हैं कि अगर आप वक्त से पहले लोन चुकता करना चाहें तो क्या आपको जुर्माना भरना पड़ेगा या नहीं। यह जुर्माना इसलिए लिया जाता है क्योंकि ग्राहक जल्दी लोन चुका देगा तो बैंक जो ब्याज आपसे ले रहा है वह बंद हो जाता है।
बैंक को लेकर जान लें ये बातें
जिस बैंक से आप लोन लें उसके बारे में पूरी तरह जांच पड़ताल कर लें। सबसे पहले तो कम ब्याज दर वाला बैंक चुनें और उसके बाद तह तक सभी बातों का पता करें। आपको पहले लोन गिवर बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड चेक कर लेना चाहिए कि वो बाजार में कितने वक्त से है, कितना मजबूत है, ग्राहकों का अनुभव कैसा रहा है। पर्सनल लोन (Personal loan kaise le)की खूबी यह होती है कि आप इस पैसे को अपनी किसी भी तरह की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। यानी ये प्लान्ड और अनप्लान्ड जरूरतों के लिए मिल जाता है। इन बातों का ध्यान रखकर आप पर्सनल लोन लेने के बाद परेशानियों से नहीं घिरेंगे।