Hindi News Club (ब्यूरो) : मंगलवार 23 जुलाई को यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश किया गया। इसमें टैक्स को लेकर नया प्रावधान रखा गया है। टैक्स के नए प्रावधान लागू करने से निवेश के फील्ड भी प्रभावित (Budget impact your mutual fund investments) होंगे। इनमें म्यूचुअल फंड भी शामिल हैं। अब निवेशकों को पहले की बजाय लॉन्ग व शॉर्ट टर्म के निवेशों पर अलग तहर से टैक्स बचत का लाभ मिलेगा, जो पहले की व्यवस्था से अलग होगा।
निवेशकों पर पड़ेगा यह असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2024 के बजट में (Budget 2024 details) इनकम टैक्स सिस्टम को बदला है। इसके साथ ही म्यूचुअल फंड में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के नियम भी बदल गए हैं। म्यूचुअल फंड बाजार (म्यूचुअल फंड में नई टैक्स व्यवस्था)पर इसका सीधा असर पड़ा है। इसमें किए जाने वाले निवेश को लेकर भी अब अलग टैक्स बचत व्यवस्था रहेगी।
अब बदल गया म्यूचुअल फंड से टैक्स बचत का पूरा गणित
बजट का म्यूचुअल फंड पर अब जो असर पड़ा है, उसे टैक्स बचत का पूरा गणित ही बदल गया है। इस असर को समझाने के लिए एडेलवाइज म्यूचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund) की एमडी एवं सीईओ राधिका गुप्ता (Radhika Gupta) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट और वीडियो शेयर किया है। पोस्ट व वीडियो के अनुसार बजट से पहले म्यूचुअल फंड पर कई टैक्स लगते थे, जिनमें लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन, मार्जिनल टैक्स रेट और इंडेक्सेशन बेनिफिट दिया जाता था। अब इन सभी को आसान करते हुए इंडेक्सेशन को भी खत्म कर दिया गया है।
म्यूचुअल फंड पर यह है टैक्स लगने की व्यवस्था
विशेषज्ञों के अनुसार, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund Tax System)पर तीन कैटेगरी के टैक्स लग रहे हैं। पहली कैटेगरी में 65 फीसदी से ज्यादा होल्डिंग वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड शामिल हैं। इन पर कैपिटल एसेट टैक्स लगेगा, जो कि शॉर्ट टर्म में 20 फीसदी और लॉन्ग टर्म में 12.5 फीसदी होगा। अब लॉन्ग टर्म में वह निवेश भी आएगा जो एक साल से अधिक समय के लिए होगा। दूसरी कैटेगरी में वो फंड आएंगे, जिनकी डेट सिक्योरिटीज में होल्डिंग 65 फीसदी से ज्यादा होगी। इन पर मार्जिनल रेट (Budget 2024 details) लागू होंगे। इसमें इस साल कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लंबी अवधि के निवेशकों को यहां होगा फायदा
इस बारे में एक पोस्ट के जरिये यह भी जानकारी दी गई कि तीसरी कैटेगरी (Mutual Fund me Investments) में वो म्यूचुअल फंड आएंगे, जो पहली दोनों कैटेगरी (Mutual Fund Investments)से अलग हैं। इनमें गोल्ड इंडेक्स फंड, गोल्ड ईटीएफ, इक्विटी में निवेश करने वाले फंड्स ऑफ फंड्स, इंटरनेशनल फंड और कंजरवेटिव या हाइब्रिड फंड आएंगे। इन पर शॉर्ट टर्म में मार्जिनल रेट और लॉन्ग टर्म में 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा। यहां लॉन्ग टर्म (Mutual Fund) को 2 साल के तौर पर माना जाएगा। इसी कैटेगरी में लंबी अवधि वाले निवेशकों को पूरा फायदा मिलेगा।