Hindi News Club- Pradhan Mantri Awas Yojana: शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत सरकार एक करोड़ शहरी गरीब और मिडिल क्सास परिवारों को किफायती कीमत पर घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. इसके अलावा मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना लागू किये जाने की भी मंजूरी दे दी है.
PIB के मुताबिक...
पीआईबी की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के कार्यान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
PM आवास योजना में कितना रुपये देगी सरकार?
मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों और पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में 1.30 लाख रुपये प्रति यूनिट सहायता राशि के साथ दो करोड़ से अधिक घरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है.
प्रधान मंत्री आवास योजना - शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के तहत, पात्र लाभार्थियों को घरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त होगी. प्रदान की जाने वाली सहायता मैदानी क्षेत्रों में 1.2 लाख रुपये और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों और जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में 1.3 लाख रुपये है.
इन लोगों को मिलेगा इसका लाभ-
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत सरकार द्वारा वैसे लोगों को लाभ प्रदान किया जाएगा जो शहरी क्षेत्र में निवास करते हैं एवं जिनके पास रहने के लिए खुद का कोई साधन नहीं है। अगर परिवार गरीब या मध्यम वर्ग से आता है तो ही लाभ मिलेगा।
EWS के तहत तीन लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार इस योजना का लाभ ले सकते हैं. वहीं, LIG परिवार वे परिवार हैं जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक है. MIG परिवार 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार हैं.
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन करने होंगे। यदि आप इस योजना का लाभ पाना चाहते हैं तो आप आधिकारिक पोर्टल विजिट कर आवेदन कर सकते हैं।
10 लाख करोड़ का बजट-
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है. जिसमें 2.3 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सब्सिडी भी शामिल है.