Hindi News Club- भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा नीति में एक बड़ा फैसला लिया है. जिसके चलते अब चेक क्लियर होने में केवल कुछ घंटे लगेंगे जिसमें अभी 2 वर्किंग डेज का समय लगता है. ये आम लोगों से लेकर बिजनेस क्लास, बैंकों, संस्थानों, शिक्षा और वित्तीय जगत से जुड़े सभी लोगों के लिए अच्छी खबर है.
RBI ने दिया ये आदेश-
आरबीआई (Reserve Bank of India) की अगुआई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चेक के निपटान को कुछ घंटों में पूरा करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा है, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने कहा कि इसका फायदा चेक देने वालों और पैसा पाने वालों यानी चेक पेयर और चेक बॉरोअर दोनों को मिलेगा और पूरा प्रोसेस तेज होने से बैंकिंग पर भी पॉजिटिव असर आएगा.
जान लें इसके फायदे-
नए सिस्टम से चेक को स्कैन किया जा सकेगा, प्रस्तुत किया जा सकेगा और वर्तमान बैच प्रोसेसिंग मेथड के बजाय पूरे कारोबारी घंटों में लगातार क्लियर किया जा सकेगा.
मौजूदा चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) दो वर्किंग डेज तक के क्लियरिंग साइकल के साथ काम करता है, जिसे T+1 के रूप में जाना जाता है.
‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर चेक क्लियरिंग में बदलाव को चेक प्रोसेसिंग की दक्षता में सुधार करने और प्रक्रिया में शामिल सभी प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
गवर्नर दास ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस पहल का उद्देश्य तेज़ चेक क्लियरेंस की पेशकश करके कस्टमर एक्सपीरिएंस को बढ़ाना है.
नई चेक क्लियरिंग प्रक्रिया पर डिटेल दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.