Hindi News Club (ब्यूरो) : बढ़ते जोखिमों के कारण आज के समय में कई तरह के इंश्योरेंस जरूरी हो गए हैं। अनेक लोग इसका फायदा भी उठा रहे हैं, लेकिन इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी (GST Council Meeting)को हटाने की मांग भी की जा रही है। इसके हटने का फायदा कस्टमर्स को मिल सकता है।
ये जताई जा रही हैं संभावनाएं
इंश्योरेंस पर GST हटाने के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक(जीएसटी काउंसिल की बैठक) 9 सितंबर को दिल्ली में होगी। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस बैठक में इंश्योरेंस से जीएसटी (Insurance par GST) हटाने के बारे में बड़ा फैसला आ जाए। जीएसटी काउंसिल ने इस बारे में एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट भी की है।
इन मुद्दों पर किया जाएगा मंथन
आपको यहां पर बता दें कि केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। यह संस्था वर्ष 2017 से काम कर रही है। इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने (Insurance se GST kb htega) के मुद्दे के अलावा बैठक (GST Council Ki Meeting Kb hai) )में विभिन्न ब्याज दरों को कम करने, टैक्स स्लैब और जीएसटी (New GST Rules)के तहत उलटा शुल्क हटाने पर चर्चा हो सकती है। इनके सकारात्मक निर्णय आए तो लाखों लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
इंश्योरेंस से जीएसटी हटने की इसलिए हैं ज्यादा संभावनाएं
इंश्योरेंस से जीएसटी (GST on Insurance) हटने को लेकर इसलिए भी ज्यादा संभावनाएं बन रही हैं क्योंकि कुछ दिन पहले ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण में संसद इसे लेकर एक बयान दिया था। इसमें कहा गया था कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम (Health insurance)पर लगने वाले 18% जीएसटी को हटाने पर सरकार विचार कर सकती है। हालांकि इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने की मांग क्रेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से पत्र लिखकर की गई थी। इसके बाद यह बयान सामने आया था। इसके हटने से पॉलिसीधारकों को सीधा फायदा पहुंचने की संभावना है।
जीएसटी काउंसिल की हो चुकी बैठक
इससे पहले जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक 23 जून को हुई थी। इस बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने यह स्पष्ट किया था कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुमंत चौधरी के नेतृत्व में दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) कार्य की स्थिति प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा समिति द्वारा कवर किए गए पहलुओं तथा समिति के समक्ष लंबित कार्यों का आकलन (insurance policy rules) भी प्रस्तुत किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में इस मुद्दे पर भी सहमति बन जाए।