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Hindi News Club (ब्यूरो)। मकान या जमीन खरीदना हर व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा निर्णय होता है और इसके लिए जिंदगी भर की जमा पूंजी लग जाती है। जिन लोगों के पास पर्याप्त पैसा नहीं भी होता है वह होम लोन या किसी अन्य लोन की सहायता से खरीदते हैं। इसके साथ ही कुछ और भी बातें हैं जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जब प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो कागजी कार्यवाही पर भी काफी पैसा खर्च होता है। प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन (Property registration) पर भी काफी खर्च आता है। लेकिन रजिस्ट्री पर लगने वाले पैसों को आप बचा सकते हैं। जी हां, आप सही सुन रहे हैं। इसके लिए प्रॉपर्टी को अपने घर की किसी महिला के नाम से रजिस्टर्ड करानी होगी।
क्योंकि अगर आप पत्नी, मां या बेटी के नाम से रजिस्ट्री कराएंगे तो आपको कम स्टॉम्प ड्यूटी (Stamp Duty) देनी होगी। दरअसल देश में अधिकतर राज्य महिलाओं को स्टॉम्प ड्यूटी में छूट देते हैं। हरियाणा में यह छूट 2 फीसदी है। जहां पुरुष के नाम किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर 7 फीसदी स्टॉम्प ड्यूटी लगती है, वहीं महिलाओं को सिर्फ 5 फीसदी ड्यूटी देनी होती है।
यही नहीं अगर आप घर की किसी महिला के साथ संयुक्त रूप से कोई प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड कराते हैं तो भी आपको स्टॉम्प ड्यूटी (stamp duty) में एक फीसदी का फायदा होगा। स्टॉम्प ड्यूटी के रूप में हमें काफी पैसा चुकाना पड़ता है। रजिस्ट्री फीस प्रॉपर्टी की कुल कीमत (Total price of property) पर देनी होती है। आज महंगाई बहुत बढ़ गई है और प्रॉपर्टी के रेट आसमान छू रहे हैं। ऐसे में घर, फ्लैट या दुकान की रजिस्ट्री में दो फीसदी की छूट बहुत मायने रखती है।
ऐसे बचेंगे पैसे-
मान लो कि दिल्ली में आपने 50 लाख रुपये में कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उसकी रजिस्ट्री करानी है। अगर आप अपने नाम इसकी रजिस्ट्री कराते हैं तो आपको 7 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी। वहीं, किसी महिला के नाम रजिस्ट्री कराने पर 5 फीसदी रजिस्ट्री फीस देनी होगी। इस तरह आप अपनी पत्नी या मां के नाम प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री (property registry) कराकर एक लाख रुपये बचा सकते हैं।
अगर संपत्ति का मालिकाना हक पूरी तरह से किसी महिला के नाम पर न करके उसे प्रॉपर्टी में जॉइंट ओनर भी आप बनाएंगे तो भी 1 फीसदी की छूट मिलेगी। इस तरह 50,000 रुपये आप फिर भी बचा लेंगे। दिल्ली ही नहीं अब तो देश के लगभग सभी राज्यों में महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री (property registry process) कराने पर स्टांम्प ड्यूटी में छूट दी जा रही है।
स्टाम्प ड्यूटी पर छूट
यदि महिला किसी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन अपने नाम पर करवाती है तो कुछ राज्यों में उन्हें स्टाम्प ड्यूटी पर भी छूट मिलती है। राजधानी दिल्ली में पुरुषों को स्टाम्प ड्यूटी पर 6 प्रतिशत के हिसाब से भुगतान करना होता है, जबकि महिलाओं को इसमें 2 प्रतिशत की छूट मिलती है। यानी उन्हें स्टाम्प ड्यूटी पर केवल 4 प्रतिशत का ही भुगतान करना होता है।
प्रॉपर्टी टैक्स में छूट
महिलाओं को प्रॉपर्टी से संबंधि टैक्स (property tax) पर भी छूट मिलती है। यह छूट नगम निगम द्वारा महिलाओं को दी जाती है। हालांकि टैक्स बेनेफिट्स आपको तभी मिल सकता है, जब वो प्रॉपर्टी महिला के नाम पर होगी।
नेगोसिएशन पावर
यदि महिला के पास किसी प्रॉपर्टी की ऑनरशिप है तो इससे उसका नेगोसिएशन पावर भी इम्प्रूव होता है। चूंकि इस प्रॉपर्टी पर उसका अधिकार है, इसलिए वो पूर्ण स्वतंत्रता के साथ कोई भी निर्णय ले सकती है। फिर चाहे इसमें पति, बच्चे या परिवार के अन्य सदस्य सहमत हों या न हों। वो प्रॉपर्टी को खरीदने, बेचने और या उसे किराये पर देने के लिए स्वेच्छा से निर्णय ले सकती है।
होम लोन लेने में आसानी-
महिला के नाम कोई प्रॉपर्टी होने या उनके को-ऑनर होने पर कई मामलों में होम लोन (Home Loan) जल्दी और सस्ता मिल जाता है। बैंक महिलाओं को होम लेने पर कई बार छूट का ऐलान कर देते हैं। नौकरीपेशा महिला या बिजनेस वूमैन को होम लोन (home loan) में को-ऐप्लीकेंट से आपकी आय में उनकी आय भी शामिल हो जाएगी।
आय में इजाफा होने से आपको मिलने वाली होम लोन की रकम (home loan amount) में भी इजाफा हो जाएगा। बैंकिंग मामलों के जानकारों का कहना है कि होम लोन के लिए ऐसी ऐप्लीकेशन, जो महिलाओं की तरफ से आई हों या फिर जिनमें महिलाओं को को-ऐप्लीकेंट बनाया गया हो, उनके लिए बैंकों की कोशिश होती है कि लोन जल्दी और आसानी से दिया जाए।