Hindi News Club (ब्यूरो) : उत्तर प्रदेश की लखनऊ यूनिवर्सिटी की शैक्षिक गतिविधियों में आने वाले समय में काफी बदलाव नजर आएगा। इसके लिए शुक्रवार को हुई अहम बैठक में बड़े फैसले लिए गए तथा कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। कार्य परिषद की यह बैठक शिक्षकों की नियुक्ति व पदोन्नति के संदर्भ में की गई थी, जिसमें कई विभागों के शिक्षकों को पद भी सौंपे गए।
इनकी नियुक्ति को मंजूरी दी
Lucknow University में शुक्रवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में 7 रेगुलर और 22 कांट्रेक्ट बेस्ड शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अलावा बैठक में विद्या परिषद, वित्त समिति, प्रवेश समिति और परीक्षा समिति की पूर्व की बैठकों के प्रस्तावों को पास किया गया। यूनिवर्सिटी के मंथन हॉल में शुक्रवार को कार्य परिषद की मीटिंग के दौरान ये अहम कार्य किए गए।
वीसी ने दी ये जानकारी
यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. आलोक कुमार राय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बायोकेमेस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर कुसुम यादव को प्रोफेसर पद पर और बायोटेक्नोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर मीनल गर्ग को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति प्रदान की गई। इसी प्रकार शारीरिक शिक्षा विभाग के डॉ. मोहम्मद तारिक को असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज 1 से असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज 2 पर प्रोन्नति दी।
कॉन्ट्रेक्ट बेस्ड टीचर्स भी कई विभागों में नियुक्त
इसके अलावा संविदा यानी कॉन्ट्रेक्ट बेस्ड शिक्षकों की नियुक्तियां भी कई गई हैं। इसके तहत शारीरिक शिक्षा विभाग में 4 असिस्टेंट प्रोफेसर, आईएमएस में 13 असिस्टेंट प्रोफेसर, एमबीए फाइनेंस में 3 असिस्टेंट प्रोफेसर और पत्रकारिता विभाग में 2 असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति की गई।इसके अलावा बैठक के दौरान अर्थशास्त्र विभाग में 2 असिस्टेंट प्रोफेसर, मॉलेक्युलर बायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी में 1 एसोसिएट प्रोफेसर और बायोकेमेस्ट्री विभाग में 3 एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा विधि विभाग में 1 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति किया गया है।
एचआरडीसी का नाम बदलने का निर्णय लिया
इस दौरान गहन मंथन करने के बाद कार्य परिषद की बैठक में एचआरडीसी का नाम बदलने का निर्णय लिया। नए निर्णय के अनुसार अब एचआरडीसी को नया नाम मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर दिया गया है। इसके अलावा दीक्षांत समारोह में इस नाम का एक नया पदक दिया जाएगा। बैठक में ललित कला संकाय में कुमारी रागनी उपाध्याय स्वर्ण पदक को प्रारंभ करने की स्वीकृति एकमत से दी गई।