Hindi News Club : कर्नाटक सरकार (Karnataka sarkar) ने निजी उद्योगों में विभिन्न पदों की नौकरियों के लिए आरक्षण का निर्णय लिया है। इन पदों पर 100 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह किन लोगों के लिए होगा, आइये जानते हैं इस खबर में।
विधेयक को मंजूरी
निजी उद्योगों में विभिन्न नौकरियों के अलग-अलग पदों पर कन्नड़ (100 percent reservation in jobs)लोगों को 100% आरक्षण देने का कर्नाटर सरकार ने फैसला किया है। इसे लेकर विधेयक को भी मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये जानकारी दी।
एक्स पर की पोस्ट
मुख्यमंत्री (Karnataka CM)ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के सभी निजी उद्योगों में 'सी और डी' श्रेणी के पदों के लिए 100 प्रतिशत कन्नड़भाषी लोगों की भर्ती अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इस बारे में मंत्रिमंडल की बैठक भी हो चुकी है। विधि विभाग के सूत्रों के अनुसार विधेयक विधानसभा में जल्द पेश किया जाएगा।
यह है सरकार का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने सरकार का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार कन्नड़ समर्थक है। सरकार का यह भी मकसद है कि कन्नड़ लोगों को अधिक से अधिक नौकरियां और अवसर प्रदान किए जाएं।
नौकरी और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे
हमारी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को कन्नड़ की भूमि में नौकरियों से वंचित न होना पड़े। सरकार की कोशिश है कि लोगों के लिए नौकरी और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर बढ़ाए जाएं। सीएम ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण की देखभाल करना है।
कुशल लोगों को मिलेंगे आगे बढ़ने के अवसर
इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद चर्चाएं हैं कि अब कुशल लोगों को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। प्रतिभाओं को अब रोजगार से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। यह सरकार का सराहनीय कदम है। इस बारे में उद्यमी किरन मजूमदार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जानकारी दी है।
विधेयक के रद होने की मांग भी उठी
दूसरी ओर इस विधेयक की आलोचना भी हो रही है। इसे तर्कहीन बताया गया है। किरन मजूमदार के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए मोहनदास पई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि 'इस विधेयक को रद्द (Job reservation news)कर दिया जाना चाहिए। यह भेदभावपूर्ण, प्रतिगामी और संविधान के विरुद्ध है। क्या यह सरकार प्रमाणित करेगी कि हम कौन हैं?
उच्च स्तर तक पहुंचा मामला
निजी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण (Job reservation in Karnataka)को लेकर मामला हाई कमान तक पहुंच गया है। सोशल मीडिया पर मोहनदास पई की ओर से कहा गया है कि विधेयक अविश्वसनीय है। आखिर इस तरह का विधेयक कैसे लाया जा सकता है। एक सरकारी अधिकारी निजी क्षेत्र (100%Job reservation in Karnataka)की भर्ती समितियों में बैठेगा? लोगों को भाषा की परीक्षा देनी होगी?' उन्होंने अपनी पोस्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कांग्रेस को भी टैग किया।