/hindi-news-club/media/media_files/ca12b4K9StHXZY4YOace.jpg)
Hindi News Club (ब्यूरो) : पढ़ाई के दम पर सब कुछ संभव है। बचपन से ही बच्चे की पढ़ाई की नींव मजबूत हो तो माता-पिता की काफी टेंशन खत्म हो जाती है। उनका बच्चा अगर अच्छे स्कूल में दाखिला पा लेता है तो लाइफ सेट होने के पूरे चांस बन जाते हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय व केंद्रीय विद्यालयों (Kendriya Vidyalaya and Jawahar Navodaya Vidyalaya)को भी पढ़ाई के मामले में काफी अव्वल माना जाता है। यहां बच्चों के दाखिले के लिए कई माता-पिता हर संभव कोशिश करते हैं। आइये जानें इन दोनों में क्या अंतर है और कैसे दाखिला मिलता है।
दोनों स्कूलों को चलाती है केंद्र सरकार
केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय (KV or JNV me Antar) दोनों ही स्कूलों को केंद्र सरकार संचालित करती है। फिर भी इन दोनों के बीच बड़ा अंतर है। इन दोनों ही स्कूलों को शिक्षा के मामले में देश के बेस्ट स्कूलों में गिना जाता है। यहां से पढ़ाई करके निकले बच्चे काफी क्रिएटिव हो जाते हैं, जो बड़े-बड़े पदों पर जाते हैं और कुछ बच्चे अलग मुकाम हासिल करके ही मिसाल कायम कर जाते हैं।
स्टडी के मामले में हैं दोनों बेहतर
हर माता-पिता चाहता है कि उसके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो। इसके लिए वे मोटा खर्च उठाने को भी तैयार हो जाते हैं। इसलिए कई अभिभावक बच्चों के दाखिले के लिए प्राइवेट स्कूलों की ओर रुख करते हैं। हालांकि दूसरी ओर अनेक लोग ऐसे भी हैं जो बच्चों को कम फीस के साथ अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं।
ऐसे अभिभावकों के लिए केंद्रीय विद्यालय व जेएनवी बेस्ट विकल्प (Kendriya Vidyalaya and Jawahar Navodaya Vidyalaya me admission kaise hota h)हैं। सरकारी स्कूलों की बात करें तो कम फीस में बेहतर शिक्षा के लिए केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय को सबसे बेस्ट माना जाता है। फिर भी इन दोनों स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया और खर्च में दिन-रात का अंतर है।
केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में यह है सबसे बड़ा अंतर
केंद्रीय विद्यालय को केवी के नाम (Kendriya Vidyalaya or Jawahar Navodaya Vidyalaya me Kya antar h) से भी जाना जाता है। यह स्कूल केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। देश के अलग-अलग राज्यों में केंद्रीय विद्यालय हैं। नियम के अनुसार यहां सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिए सीटें ज्यादा होती हैं। हालांकि अन्य लोग भी अपने बच्चों का एडमिशन यहां करा सकते हैं, लेकिन उनके लिए सीटें सीमित होती हैं। इसके अलावा जेएनवी यानी जवाहर नवोदय विद्यालय भी केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत ही आता है, लेकिन यह कई मामलों में केंद्रीय विद्यालयों से भिन्न (कंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में अंतर) होता है।
इन स्कूलों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक आवासीय विद्यालय है। इन स्कूलों को ग्रामीण इलाकों के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से खोला गया है। हालांकि इसमें हर तरह के परिवारों के बच्चे अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए टेस्ट लिए जाते हैं।
KV और NV में एडमिशन के ये हैं फायदे
यह तो पिछले सालों का रिजल्ट भी बता रहा है कि केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय (KV or JNV me admission kaise hota h) दोनों में ही उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाती है। शिक्षा के साथ-साथ यहां पर कई तरह के रचनात्मक कार्य और गतिविधियां भी कराई जाती हैं ताकि बच्चे का संपूर्ण विकास हो और वह आगे चलकर कुछ नया कर सके। दोनों ही स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई (CBSE) के पाठ्यक्रम लागू हैं।
बड़ा अंतर यह है कि जवाहर नवोदय विद्यालय में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ, रहने व खाने-पीने की सुविधाएं फ्री मिलती हैं यानी इनका खर्च केंद्र सरकार उठाती है, दूसरी ओर केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की फीस लगती है। हालांकि ये फीस गुणवत्तापरक शिक्षा देने वाले प्राइवेट स्कूलों से काफी कम होती है।
देश में जेएनवी की संख्या से ज्यादा है केवी की संख्या
केंद्रीय विद्यालय भारत ही नहीं, विदेशों में भी हैं। इनकी संख्या 1,200 के करीब है, जबकि नवोदय विद्यालयों की संख्या 650 के आसपास है, जो भारत में हैं। केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों के एडमिशन (Kendriya Vidyalaya me admission kaise hota h)के लिए आवेदन करना होता है, जिसमें चयनित छात्रों की सूची जारी की जाती है और उसी आधार पर एडमिशन दिया जाता है। यहां दूसरे जिलों के बच्चों को भी दाखिला मिल सकता है।
जबकि नवोदय स्कूल में एडमिशन (Jawahar Navodaya Vidyalaya me admission kaise hota h) उसी जिले में रहने वाले बच्चे को मिलेगा, जिस जिले में यह स्कूल है। यानी किसी जिले में नवोदय स्कूल नहीं है तो वहां के बच्चे दूसरे जिले के नवोदय स्कूल में दाखिला नहीं ले सकते। इसके लिए एडमिशन के लिए फॉर्म भरते समय उन्हें अपना निवास प्रमाण पत्र भी देना पड़ता है। इसके अलावा दूसरा नियम यह है कि दाखिला लेने वाले बच्चे का किसी सरकारी या सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूल से 5वीं पास होना जरूरी है। इसके लिए अलग से टेस्ट भी होता है।