Hindi News Club (ब्यूरो) : Barber Ramesh Babu Success Story : सफलता किसी की मोहताज नही होती। अगर आप मेहनत करेंगे तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी। इसके लिए आपको दृढनिश्चियी होना है बस... आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे है जिन्होने कि अपने पिता का साया उठ जाने के बाद एक मेच्योर इंसान की तरह घर और बच्चों को सहारा दिया। आज इस आदमी का नाम भारत अरबपतियों की लिस्ट में पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर है। गरीब व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से अमीरों की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं। ऐसे ही व्यक्ति के बारे में जानेंगे, जिसके पास 400 से अधिक गाड़ियां हैं और उनकी कुल संपत्ति लगभग 1,200 करोड़ रुपये है, लेकिन वे आज भी लोगों के बाल काटते (Success Story of ramesh baabu) हैं। आइए जानते हैं कि कौन हैं रमेश टूर्स एंड ट्रैवल्स (Ramesh Tours and Travels) के रमेश बाबू? जो भारत के सबसे अमीर नाई हैं।
ऐसे की बिजनेस की शुरूआत
परिवार के सदस्यों की बात की जाए तो रमेश बाबू (success story of Ramesh Tours and Travels) अपने परिवार में सबसे छोटे थे और उनके सिर से जल्द ही पिता का घना साया उठ गया था। पिता के जाने के बाद उनके चाचा सैलून चलाने लगे। इसके बाद साल 1993 में उन्होंने अपनी सेविंग पैसों और अपने चाचा की मदद से एक मारुति ओमनी खरीदी। शुरू में वे खुद कार चलाते थे और बाद में किराए पर दे दिया। धीरे-धीरे फिर उन्होंने रमेश टूर्स एंड ट्रैवल्स को आगे बढ़ाने का फैसला किया और कई गाड़ियां खरीदीं। ऐसे करते करते उनका बिजनेस कहां से कंहा पहुंच गया है।
इनके शुरूआती संघर्ष पर प्रकाश डाल दें कि रमेश बाबू बेंगलुरु के एक गरीब परिवार में जन्मे थें। वो 13 साल की उम्र में दूध की सप्लाई और अखबार बेचते थे। इस दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अपने पिता के सैलून (saloon frk) को भी संभाला। वे हर दिन लगभग 16 घंटे काम करते थे। परिवार में पैसों की दंगी के बाद भी उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा किया। उनकी मां लोगों के घरों में नौकरानी का काम करती थी। घर की ऐसी हालत थी कि उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती थी। इनका सफर कुछ ज्यादा ही संघर्ष भरा रहा है।
आज भी बाल काटता है यह शख्स
अगर इनकी सफलता की बात की जाए तो रमेश बाबू (ramesh baabu net worth) के आज 400 से ज्यादा गाड़ियों के मालिक हैं, जिनमें से 120 तो लग्जरी कारें हैं। उनके आंगन में मर्सीडीज से लेकर रोल्स रॉयस शामिल हैं। 2004 में रमेश बाबू ने पहली मर्सिडीज-बेंज ई-क्लास सेडान खरीदी थी। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई लग्जरी गाड़ियां खरीदीं। उन्होंने 18 साल की उम्र में चाचा से अपना सैलून वापस ले लिया था और फिर दो कारीगर रख लिए। आज भी वे प्यार से लोगों के बाल काटते हैं