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Hindi News Club (ब्यूरो) : प्लास्टिक की चीजों के उपयोग से कई तरह की बीमारियां होती हैं। प्लास्टिक के छोटे-छोटे महीन कणों को माइक्रो प्लास्टिक (Micro Plastic Kya hota h) कहा जाता है। ये इतने छोटे होते है कि दिखाई भी नहीं देते। खाने-पीने की चीजों को इनमें रखा जाए तो ये उनसे चिपककर हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। धीरे-धीरे असंख्य कण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। लंबे समय बाद ये कैंसर जैसी बीमारी का कारण (Micro Plastic Ke Nuksan)भी बन सकते हैं। इसलिए प्लास्टिक को पूरी तरह से टाटा-बाय करने में ही फायदा है।
माइक्रो प्लास्टिक से सेहत को होते ये नुकसान
माइक्रो प्लास्टिक (Micro Plastic Kya h)महीन कण होते हैं जो धीरे-धीरे शरीर में जमा होते रहते हैं। लंबे समय बाद ये कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाते हैं। सतर्क रहकर व सावधानी बरतकर ही इससे बचाव किया जा सकता है। हर छोटी से छोटी चीज में माइक्रो प्लास्टिक मिल ही जाता है। इसलिए हमारे शरीर में इसके प्रवेश को रोक पाना काफी कठिन है।
हर जगह माइक्रो प्लास्टिक का खतरा
आजकल माइक्रो प्लास्टिक (Micro Plastic ka use) लगभग हर जगह पाया जा रहा है। यह हमारे खाने-पीने की चीजों, जैसे नमक, चीनी, पानी, और यहां तक कि हवा में भी मौजूद हो सकता है। जब हम इन चीजों का सेवन करते हैं तो माइक्रो प्लास्टिक हमारे शरीर में चला जाता है। माइक्रो प्लास्टिक का सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह शरीर में जमा हो सकता है और समय बीतने के साथ कई तरह की समस्याओं और बीमारियों का कारण बन सकता है।
समय रहते कर लें उपाय
हालांकि कई अध्ययन व आंकड़ों को देखें तो पाते हैं कि अभी तक इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि माइक्रो प्लास्टिक कैंसर का कारण बनता है। हां कुछ शोधों में यह जरूर पाया गया है कि माइक्रो प्लास्टिक के कण शरीर में सूजन और अन्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
लंबे समय में ये कण शरीर में रहने पर कैंसर का कारण (cancer ke kya karn hain) बन सकते हैं। बता दें कि जब ये कण शरीर के अंदर लंबे समय तक रहते हैं तो सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। आगे चलकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। माइक्रो प्लास्टिक से बचाव के लिए तमाम उपाय समय से करने जरूरी हैं।
प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें
वैसे तो प्लास्टिक की चीजों को बहुतायत में उपयोग होने लगा है। प्लास्टिक की चीजों से पूरी दूरी (cancer ka ilaj)बनाकर रखी जाए तो माइक्रो प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। खासकर खाने-पीने के सामान (cancer ke lakshan)को प्लास्टिक में न रखें।
हमेशा फिल्टर्ड पानी पीना चाहिए
पानी को अच्छी क्वालिटी वाले फिल्टर से फिल्टर करके पिएं, ताकि उसमें मौजूद माइक्रो प्लास्टिक को हटाया जा सके।
प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करें बंद
प्लास्टिक की बोतलों में पानी नहीं पीना चाहिए। बच्चों को भी इनमें पानी न दें। क्योंकि इनमें भी माइक्रो प्लास्टिक हो सकता है।
साफ-सफाई बेहद जरूरी
अपने घर और आसपास की जगह को साफ रखना चाहिए ताकि हवा में मौजूद माइक्रो प्लास्टिक के कण श्वास के द्वारा आपके शरीर में प्रवेश न कर सकें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
माइक्रो प्लास्टिक (Micro Plastic)मानव जीवन में इस तरह से घर कर गया है कि इससे पूर्ण रूप से बचाव करना भी बहुत मुश्किल हो गया है। हालांकि इसके खतरों को देखते हुए मानव को इसके प्रति अपनी निर्भरता को बदलना होगा।
माइक्रो प्लास्टिक का कम उपयोग करना, फिल्टर किया हुआ पानी पीना और साफ-सफाई का ध्यान रखना जैसी आदतों से हम अपने शरीर में माइक्रो प्लास्टिक के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके अलावा हर प्लास्टिक की चीज से दूरी रखने से इससे पूर्ण बचाव हो सकता है।
Disclaimer : यहां पर दी गई जानकारी विभिन्न सूचनाओं व मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित चिकित्सक या विशेषज्ञ से सलाह जरूर कर लें।