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Hindi News Club ( ब्यूरो) : हर माता-पिता चाहता है कि उसके बच्चे तन-मन-धन से परिपूर्ण इंसान बनें। इसके लिए माता-पिता व अभिभावक कड़ी मेहनत व हर संभव प्रयास करते हैं। एक काबिल इंसान बनाने के लिए बच्चे की रुचि को देखना व समझना (Child caring tips)बहुत जरूरी है। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें संस्कार भी सिखाएं। बच्चे का मानसिक विकास शिक्षा व संस्कारों से ही होता है। इसलिए ये दोनों पहलू माता-पिता के लिए अहम हो जाते हैं।
प्रेरक प्रसंग सुनाएं
माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों को प्रेरित करते रहना चाहिए। इसके लिए वे उन्हें प्रेरक प्रसंग (parenting tips To Motivate Kids) सुना सकते हैं। प्रेरक कहानियां बता सकते हैं या पढ़ने के लिए दे सकते हैं। महापुरुषों की जीवनी का बच्चों के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए इनके इतिहास व कहानी से बच्चों को रूबरू करवाना चाहिए। ईमानदारी, संस्कारों की सीख दें। मेहनत से सफलता मिलने की बात को उनके दिमाग में प्यार से बैठाएं।
गलती होने पर प्यार से समझाएं
बच्चों को डांट या मार के बजाय प्यार के रास्ते (Child care tips)सही दिशा दी जा सकती है। प्यार व लगाव से बच्चा बहुत प्रभावित होता है। ये दोनों चीज बच्चों पर लुटाने वाले की बात भी मानता है। हालांकि बच्चे को गलती पर समझाना जरूर चाहिए। पर समझाने का रास्ता प्यार का हो। इससे बच्चे को अपने दिमाग में ठीक-गलत की पहचान होगी और वह गलती का दोहराव नहीं करेगा।
बच्चों की प्रशंसा करें
हर समय बच्चों को न डांटें। उनके अच्छे कार्य की प्रशंसा(Child care tips for parents)भी करें। कुछ नया करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। बच्चे अधिक गलतियां करते हैं, इसलिए उन्हें हर बार न डांटे और न ही पिटाई करें। प्रोत्साहित करने से उसमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। आपकी बातें पर बच्चा अमल करें, इसके लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी है।
माहौल और संगत का असर
बच्चे पर सबसे ज्यादा असर माहौल और संगत (Lifestyle news in hindi)का पड़ता है। इसलिए उनके संपर्क में गलत संगत वाले बच्चे न हों, इसका माता-पिता ध्यान रखें। बच्चे के स्कूल व आस पड़ोस के माहौल का ध्यान रखें। माहौल का बच्चे के व्यवहार पर सीधा असर पड़ता है। घर में माहौल को खुशनुमा व सकारात्मक रखें। नेगिटिव माहौल से बच्चे में नकारात्मकता आती है व परेशानी भी रहेगी। इस नकारात्मकता का प्रभाव बच्चे के खान-पान, नींद व पढ़ाई पर पड़ेगा। उसका किसी चीज में मन नहीं लगेगा और वह मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर होगा।
बच्चों को उसकी रुचि अनुसार कार्य करने दें
बच्चे की पढ़ाई व खेल में संतुलन बना रहे, इसका माता-पिता व अभिभावकों को खास ध्यान (How to motivate children)रखना चाहिए। बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार कार्य करने की आजादी दें। जब उनका पढ़ने का मन हो तो पढ़ने दें और खेलने का मन हो तो खेलने दें। उनके मन की भावना के विपरीत न चलें। जैसे बच्चा खेलने की कह रहा हो तो पढ़ाई के लिए दबाव न बनाएं। अभिभावक बच्चे के सामने अपने व्यवहार का ध्यान रखें।
बच्चे को मानसिक व शारीरिक रूप से बनाएं मजबूत
ऊपर बताए गए सभी टिप्स (Child care tips) को अपनाकर आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कारों के साथ-साथ शिक्षा भी अच्छी दे सकते हैं। इससे वे मानसिक रूप से मजबूत होंगे। इस सीख से उनके शारीरिक विकास पर भी प्रभाव पड़ेगा और वे ताकतवर होंगे। यानी शारीरिक और मानसिक विकास से वह संपूर्ण व्यक्तित्व पा सकेगा।