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Hindi News Club (ब्यूरो) : बच्चे का स्कूल जाने से कतराना और पढ़ाई से जी चुराना माता-पिता के लिए बहुत चिंताजनक और कष्टकारी होता है। हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाकर सफल इंसान बनाने का सपना बुनते हैं। ऐसे में बच्चा शुरू में ही पढ़ाई से जी चुराने लगे तो पैरेंट्स (Bccha school na jaye to kya kre)को सपनों पर पानी फिरता नजर आता है। इसलिए यह एक बहुत बड़ी समस्या होती है। ऐसे में जरूरी होता है कि पैरेंट्स उन सभी कारणों को जानें जिनकी वजह से बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है, ताकि इस समस्या को सही व उचित तरीके से हल किया जा सके।
सभी कारणों को जान लें माता-पिता तो हो जाएगी समस्या हल
अगर आपके बच्चे का भी पढ़ाई में मन नहीं लगता, वह स्कूल जाने में आनाकानी करता है या बहाने बनाता है, ट्यूशन व पढ़ाई से जी चुराता है तो यह खबर आपके बहुत काम की है। यहां पर आपको कुछ ऐसे टिप्स (Bachho ko motivate kaise kre)बताने जा रहे हैं जो इस मामले में आपके लिए काफी मददगार होंगे। वैसे तो यह बड़ी समस्या नहीं है अगर माता-पिता समय पर बच्चे के साथ हो रही इन दिक्कतों के कारणों को जान लें। इसका आसानी से समाधान हो सकता है। लेकिन अनदेखी बहुत भारी पड़ सकती है और समय बीतने के साथ-साथ यह समस्या विकराल बन सकती है। देरी के कारण हो सकता है आपका बच्चा स्कूल जाने से बिल्कुल ही मना करने लगे।
इन दो स्थितियों में से यह होती है गंभीर, तुरंत करें गौर
बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना और बिल्कुल मन न लगना, दोनों अलग-अलग स्थिति हैं। इसमें दूसरी स्थिति गंभीर है, क्योंकि मन न लगना एक आम समस्या है, जिसके छोटे-छोटे कारण होते हैं, जैसे कई बार घर पर रहकर बच्चे का दोस्तों के साथ या अकेले खेलने का मन होता है। लेकिन दूसरी स्थिति में माता-पिता को तुरंत और अधिक गौर करने की जरूरत है।
पढ़ाई में मन न लगने के ये हो सकते हैं कारण
अगर बच्चा नहीं पढ़ रहा है तो हो सकता है कि उस पर बहुत ज्यादा प्रेशर या पढ़ने का दबाव हो। अधिक होम वर्क और उबाऊ होम वर्क भी इसका कारण हो सकता है। ऐसे में बच्चे के क्लास टीचर से बात करनी जरूरी होती है।
बच्चे को पढ़ाई के अलावा किसी और चीज में ज्यादा रुचि हो सकती है। जैसे गेम्स, म्यूजिक, डांस, पेंटिंग आदि। ऐसे में आप उसके इंटरेस्ट पर ध्यान देते हुए उसे दूसरी दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।
रुचिकर तरीके से कराएं घर पर पढ़ाई
कई बार बच्चे ठीक से विषय को नहीं समझ पाते हैं और उन्हें हर चीज कठिन लगती है। टीचर की डांट आदि के डर से बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है और स्कूल जाने में आनाकानी करने लगता है। ऐसे में रुचिकर तरीके से बच्चे को घर पर पढ़ाई कराएं व ऐसे स्कूल में प्रवेश दिलाने की कोशिश करें जहां खेल-खेल में बच्चों को सिखाया जाता हो। इस बारे में आप प्यार से बच्चे को भी समझाएं (Bachho ko motivate krne ke Tips) कि उनका दाखिला ऐसे अच्छे स्कूल में करा रहे हैं जहां मनोरंजन के साथ पढ़ाया-सिखाया जाता है।
स्कूल का माहौल भी देखें माता-पिता
कई बार स्कूल का माहौल भी बच्चे को रास नहीं आता। यह अत्यंत सख्त या लचीला हो सकता है। माता-पिता माहौल पर गौर करें और ये भी देखें कि उनके बच्चे को कैसा माहौल पसंद है और स्कूल में कैसा है। यानी बच्चे की रुचि के अनुसार स्कूल का माहौल हो तो बेहतर रहेगा। ऐसे में बच्चा स्कूल जाने लगेगा।
टीचरों का स्वभाव व सख्त रवैया
बच्चे की मानसिकता, व्यवहार व रुचियों पर टीचरों के रवैये और स्वभाव का काफी प्रभाव पड़ता है। टीचर कैसा व्यवहार अपनाते हैं, यह पैरेंट्स के लिए देखना बहुत जरूरी है। अगर सख्त व कड़ा रवैया है तो डर के कारण बच्चा स्कूल जाने से आनाकानी करने लगता है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं कारण
कई बार बच्चा स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान होने के कारण भी स्कूल जाने की बजाय आराम करना चाहता है। पर्याप्त नींद नहीं लेना, खराब खानपान, पेट में दर्द आदि सेहत से जुड़ी समस्याओं पर माता-पिता को (Child Care Tips for parents)गौर करना चाहिए। इन कारणों से भी बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है।
खुलकर बात करें, दोस्ताना रवैया अपनाएं पैरेंट्स
बच्चा अगर स्कूल जाने में आनाकानी करे या पढ़ाई से जी चुराए (Child Care Tips)तो उसको डांटने के बजाय आप गंभीरता से इन कारणों को जानने की कोशिश करें। बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें और खुलकर बात करें। बच्चे को भी अपनी परेशानी बताने का मौका दें। ऐसे में आप असली कारण को जान सकते हैं और समस्या का हल निकाल सकते हैं।