Malta Fever का बढ़ रहा खतरा, ऐसे करें बचाव

Health Tips : पशुओं से भी इंसानों में कई रोग हो सकते हैं। माल्टा फीवर भी पशुओं से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है। यह एक तरह से संक्रामक रोग भी कहा जा सकता है। समय पर इसके लक्षणों को पहचानते हुए बचाव जरूरी है। आइये जानते हैं इस बारे में डिटेल से।

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Malta Fever का बढ़ रहा खतरा, ऐसे करें बचाव

Hindi News Club (ब्यूरो) : कई रोग ऐसे भी होते हैं जो जानवरों से इंसानों में फैलते हैं। जानवरों व इंसानों का वास्ता लगभग हर रोज का ही होता है। ऐसे में इंसानों में ये रोग होने की संभावनाएं काफी ज्यादा होती हैं। पशुओं या जानवरों से होने वाले रोगों में माल्टा फीवर (Malta Fever se kaise bchaw kre) भी एक घातक रोग है। इसे ब्रुसेलोसिस नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी से बचने के लिए इसके लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है ताकि सही उपचार लिया जा सके। 


इस कारण से होता है माल्टा फीवर


माल्टा फीवर अधिकतर घरेलू जानवरों के कारण फैलती है। गाय, भैंस, बकरी, भेड़, और सूअर इस बीमारी के मुख्य कारण होते हैं। इन जानवरों का बिना उबाला हुआ दूध पीने से भी माल्टा फीवर (Malta Fever Ke Karn) का रोग हो सकता है। अच्छी तरह से पका हुआ मांस न खाने से यह बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है। पशुपालक इन जानवरों के अधिक करीब रहते हैं, इसलिए उन्हें माल्टा फीवर होने का खतरा ज्यादा रहता है। किसानों और पशुपालकों में माल्टा फीवर का रोग ज्यादा होने की संभावना होती है। इन पशुओं के दूध को हमेशा उबालकर पीना चाहिए और मांस को अच्छी तरह पकाकर खाना चाहिए। 


माल्टा फीवर के लक्षण 

 

आमतौर पर माल्टा फीवर के लक्षण (Malta Fever symptoms) बहुत धीरे-धीरे सामने आते हैं। इसके लक्षण बुखार, फ्लू या थकान से मिलते-जुलते होते हैं। इसके बाकी के लक्षणों में ये भी शामिल हैं।

 

बुखार: लगातार या रुक-रुक कर बुखार आना, शाम के समय बुखार (Lifestyle news)की शिकायत अधिक रहती है।
सिरदर्द : तेज सिरदर्द होना, यह आमतौर पर लगातार होता है।
थकान होना : बिना कोई शारीरिक श्रम किए बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है।


ज्यादा पसीना आना : माल्टा फीवर होने पर रात के समय बहुत ज्यादा पसीना आता है।
जोड़ों में दर्द होना : शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है, साथ ही अकड़न महसूस होती है।
कमजोरी महसूस होना व चक्कर आना : शरीर में कमजोरी महसूस होने के साथ ही चक्कर भी आते हैं। 


माल्टा फीवर से ऐसे करें बचाव


दूध और दूध से बने उत्पादों को हमेशा उबालकर (Health care Tips)ही इस्तेमाल करें।
संक्रमित जानवरों से दूर रहें और उनकी संभाल के दौरान दस्ताने और मास्क का उपयोग करना जरूरी है।
कच्चे मांस को खाने से यह बीमारी (Malta Fever ka Upchar)तुरंत हो सकती है। मांस को ठीक से पकाना चाहिए और इसे कच्चे रूप में कभी न खाएं।
अगर आप जानवरों के संपर्क में अधिक रहते हैं तो आपके लिए नियमित रूप से चिकित्सकीय जांच जरूरी है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें और खाने-पीने की चीजों को भी साफ-सुथरा रखें। 

 

यह बरतें सावधानी


माल्टा फीवर का समय पर उपचार न कराया जाए तो यह एक गंभीर बीमारी का रूप धारण कर सकती है। सावधानी बरतते हुए समय पर सही उपचार से इससे बचा जा सकता है। माल्टा फीवर के लक्षण (Malta Fever Ke Lakshan) महसूस होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके उचित उपचार (Health Tips)लेना चाहिए। इसका इलाज एंटीबायोटिक्स के जरिए हो सकता है, लेकिन यह समय से कराना जरूरी होता है। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा लेना सही नहीं रहता। 


Disclaimer : यहां पर दी गई जानकारी विभिन्न सूचनाओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ या चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें।

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