ITR भरने जा रहे हैं तो पहले इन 8 टिप्स को जान लें

कल, परसों का इंतजार नहीं करें। आज जरूर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दें। अंतिम दिन यानी 31 जुलाई को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लोड बढ़ सकता है।

विदेशी इनकम की जानकारी

कई एंप्लॉयीज खासकर आईटी सेक्टर में काम करने वाले लोगों की पोस्टिंग विदेश में होती है। इससे उन्हें अपनी पोस्टिंग की जगह बैंक अकाउंट ओपन करना पड़ता है।

फॉर्म-16 और फॉर्म 26एएस के डेटा को मैच कराना

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से फॉर्म 26एएस और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) डाउनलोड करना जरूरी है।

सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए गलत फॉर्म का चुनाव आपको मुश्किल में डाल सकता है। उदाहरण के लिए अगर आपके लिए सही फॉर्म आईटीआर-1 था और आपने आईटीआर-2 का इस्तेमाल रिटर्न भरने के लिए किया है तो आपका रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।

पिछले एंप्लॉयल से हुई इनकम की जानकारी

कई लोग नौकरियां बदलते हैं। अगर आपने नौकरी बदली है तो रिटर्न फाइल करने में आपको सावधानी बरतनी होगी। ऐसे टैक्सपेयर्स के पास दो फॉर्म-16 होते हैं। ऐसे में आपको पहले और दूसरे दोनों ही एंप्लॉयर से हुई इनकम को बताना होगा।

सिर्फ फॉर्म-16 के डेटा पर भरोसा करना

सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए फॉर्म-16 रिटर्न फाइल करने के लिए सबसे अहम डॉक्युमेंट है। लेकिन, यह ध्यान में रखना होगा कि इस फॉर्म में सभी तरह की इनकम और ट्राजैंक्शन शामिल नहीं होती है। उदाहरण के लिए सेविंग बैंक अकाउंट में जमा पैसे पर इंटरेस्ट मिलता है।

गलत डिडक्शन क्लेम करना

डिडक्शन क्लेम करने में सावधानी जरूरी है। ऐसा कोई डिडक्शन आपको क्लेम करने से बचना चाहिए, जिसके आप हकदार नहीं हैं। कई टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के लिए सेक्शन 80जी के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं।

बैंक अकाउंट की सही जानकारी

अगर आपने बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट नहीं किया है तो रिफंड में दिक्कत होगी। इसलिए अपने बैंक अकाउंट को वैलिडेट करना जरूरी है। आपको इनकम टैक्स रिटर्न को सब्मिट करने से पहले बैंक का अकाउंट नंबर, आईएफएसी, बैंक की ब्रांच आदि से जुड़ी जानकारी वैलिडेट करना जरूरी है।