home loan लेने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
होम लोन लेना बड़ी बात नहीं है बल्कि उस लोन का पैसा समय पर चुकाना बड़ी बात है। लोन चुकाने में दिक्कत इसलिए आती है क्योंकि मूलधन से अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है।
होम लोन लेना बड़ी बात नहीं है बल्कि उस लोन का पैसा समय पर चुकाना बड़ी बात है। लोन चुकाने में दिक्कत इसलिए आती है क्योंकि मूलधन से अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है।
सबसे जरूरी है कि आप जो होम लोन (home loan) ले रहे हैं या लेने जा रहे हैं, उसकी ब्याज दर देख लें। ब्याज दर का लफड़ा भारी होता है। इसी ब्याज के हिसाब से आपकी ईएमआई बनती है जो कई साल के लिए चलती है।
यह आपको तय करना है कि कितने साल में लोन का पूरा पैसा चुका देंगे। जाहिर सी बात है कि कम साल के लिए लोन लेंगे तो ईएमआई ज्यादा होगी। ज्यादा साल के लिए लोन लेंगे तो ईएमआई कम होगी।
लोन दौड़ते हुए या जल्दी में भागते हुए कभी नहीं लेते। यानी कि लोन (home loan) लेने से पहले एक बार ठंडे दिमाग से सोचना होता है। उससे पहले घर में कैलकुलेटर लेकर बैठना होता है और ईएमआई का हिसाब लगाना होता है।
होम लोन (home loan) पर बैंक प्रोसेसिंग फी लेते हैं। यह तकरीबन आधा परसेंट से 1 परसेंट तक होता है। कोई बैंक माफ भी कर देता है जैसा अभी एसबीआई जीरो प्रोसेसिंग फी पर होम लोन दे रहा है।
लोन में कई तरह के हिडेन कॉस्ट होते हैं जो पहले नहीं बताए जाते। बाद में जब पता चलता है तब तक देर हो चुकी रहती है। इसमें आपको लीगल फीस, टेक्निकल वैल्यूएशन चार्जेज, फ्रेंकिंग फी, डॉक्यूमेंटेशन फी, एडजुडिकेशन फी, नोटरी फी, लोन प्रीपेमेंट फी, स्वीच फी आदि शामिल हो सकते हैं।
लोन की दुनिया में वही बादशाह है जिसका क्रेडिट स्कोर अच्छा है। क्रेडिट स्कोर माने जो आप कर्ज लेते हैं, उसे कितनी फूर्ती के साथ लौटाते हैं। बिना किसी देरी किए और डिफॉल्ट किए लोन लौटाने पर ही क्रेडिट स्कोर सुधरता है।
कहा जाता है कि लोन भी उसी को मिलता है जिसकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है। बैंक जब लोन देता है तो वह आपकी वित्तीय स्थिति देखता है, आप जो भी कागज या रेहन बैंक में जमा करते हैं, उस प्रॉपर्टी का वैल्यू देखने के बाद ही लोन दिया जाता है।