CIBIL Score को लेकर RBI बना चुका है ये इंपोर्टेंट नियम

क्रेडिट स्कोर को लेकर रिजर्व बैंक के पास बहुत सारी शिकायतें आ रही थीं। इसके चलते कुछ महीने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सिबिल स्कोर को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया गया था और नियमों को सख्त बनाया।

ग्राहक को भेजनी होगी सिबिल चेक करने की सूचना

केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजा जाना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जा सकती है।

रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह बताना जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है।

डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है। लोन देने वाली संस्थाएं SMS/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें।

30 दिन में हो शिकायत निपटारा

अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर रोज 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना चुकाना होगा।

बैंक को देना होगा हर्जाना -

लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देगा। वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा।